कौन हैं भगवान विश्वकर्मा? जानें उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

विश्वकर्मा पूजा: इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शनिवार को है. इस दिन सूर्य की कन्या संक्रांति भी है. इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे. हर साल कन्या संक्रांति के अवसर पर ही विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) मनाया जाता है. इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं. देवों के शिल्पी, संसार के पहले इंजीनियर, वास्तु कला के ज्ञाता भगवान विश्वकर्मा वास्तुशास्त्र के भी प्रकांड विद्वान हैं. इस साल विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं भगवान विश्वकर्मा के बारे में महत्वपूर्ण बातें.

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भगवान विश्वकर्मा से जुड़े रोचक तथ्य
1. विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा देवताओं के काष्ठशिल्पी माने जाते हैं. पुराण में उनके लिए वर्धकी यानि काष्ठशिल्पी शब्द का उपयोग हुआ है.

2. वास्तुदेव का विवाह अंगिरसी नामक कन्या से हुआ था, उन दोनों से ही भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ. वास्तुदेव ब्रह्मा जी के पुत्र धर्म के बेटे हैं.

3. बह्मा जी ने भगवान विश्वकर्मा को सष्टि का शिल्पीकार नियुक्त किया था. उन्होंने स्वर्ग लोक, इंद्रपुरी, द्वारिका नगरी, सोने की लंका, सुदामापुरी जैसे कई नगर और स्थानों का निर्माण किया.

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4. भगवान विश्वकर्मा ने यमराज का कालदंड, भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, भगवान शिव का त्रिशूल, पुष्पक विमान समेत कई अस्त्र-शस्त्र और उपकरणों का निर्माण किया.

5. भगवान विश्वकर्मा को यंत्र, औजार, उपकरणों का भी देवता माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस सृष्टि में निर्मित होने वाली सभी वस्तुओं के मूल में भगवान विश्वकर्मा होते हैं.

6. यह भी कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने सबसे पहले इस सृष्टि का मानचित्र बनाया था.

7. विश्वकर्मा जी के पांच अवतार हैं. उनमें विराट विश्वकर्मा, धर्मवंशी विश्वकर्मा, अंगिरावंशी विश्वकर्मा, सुधन्वा विश्वकर्मा और भृगुवंशी विश्वकर्मा हैं.

8. भगवान विश्वकर्मा के पांच पुत्र मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी और दैवज्ञ हैं. इनके अलावा तीन पुत्रों जय, विजय और सिद्धार्थ का भी वर्णन मिलता है. ये सभी शिल्पीशास्त्र और वास्तुशास्त्र के विद्वान थे.

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