ताइवान पर हमला रोकने के लिए ड्रैगन पर प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका

वॉशिंगटन : चीन को ताइवान पर हमला करने से रोकने के लिए अमेरिका जल्द ड्रैगन पर प्रतिबंधों की घोषणा कर सकता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान पर होने वाले संभावित हमलों को रोकने के लिए चीन के खिलाफ प्रतिबंध पैकेज के विकल्पों पर विचार कर रहा है. साथ ही ताइवान यूरोपियन यूनियन पर भी चीन के खिलाफ ऐसे ही प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव बना रहा है.

लॉबिंग कर रहा है ताइवान
चीनी आक्रमण की आशंकाओं की बीच ताइवान अमेरिका और EU के साथ अलग अलग स्तर पर लॉबिंग कर रहा है. हालांकि अभी प्रतिबंधों की बातचीत बेहद शुरुआती चरण में है लेकिन अमेरिकी अधिकारी चीन पर प्रतिबंध लगाने को लेकर गंभीर दिख रहे हैं. ताइवान चीन पर लगाए गए कुछ सेमीकंडक्टर और चिप के अमेरिकी प्रतिबंधों से आगे बढ़कर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक अभी सूत्रों ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि कैसे प्रतिबंधों पर विचार किया जा रहा है. लेकिन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और ग्लोबल सप्लाई चेन की सबसे बड़ी कड़ी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कई सवाल खड़े कर रही है. जानकारों के मुताबिक चीन पर प्रतिबंध लगाने से कई देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है.

वहीं चीन पर प्रतिबंधों को मुश्किल बताते हुए अमेरिकी वाणिज्य विभाग के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी नाज़क निकख़्तर ने कहा कि चीन पर प्रतिबंध लगाने की संभावना रूस पर प्रतिबंधों की तुलना में कहीं अधिक जटिल अभ्यास है. पूर्व अधिकारी का मानना है कि चीन पर प्रतिबंध न सिर्फ दुनिया बल्कि अमेरिका पर भी बहुत बुरा असर डालेंगे.

ताइवान की ‘चिप डिप्लोमेसी’ 
दुनिया के 90 फीसदी से अधिक नैनो चिप बनाने वाले देश ताइवान ने चीन पर प्रतिबंधों को लेकर अपनी चिप डिप्लोमेसी को आगे रखा है. ताइवान के सेमीकंडक्टर उद्योग को अमेरिका लगातार अपने देश में इकाई लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है. ऐसे में ताइवान अपनी बेहद उन्नत तकनीक को अमेरिका में भेजने के बदले चीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव बना रहा है. फिलहाल अमेरिका चीन पर प्रतिबंध लगाने से होने वाले दुष्प्रभावों को समझ रहा है जिसके बाद ही वह इस पर कुछ निर्णय ले सकेगा.

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