शराब निर्यात में यूपी ने मारी लंबी छलांग, गोवा और आंध्र प्रदेश से निकला आगे

  • आबकारी राजस्व में दोगुने से अधिक का इजाफा, 17 हजार करोड़ से बढ़कर 36 हजार करोड़ हुआ
  • अब देश में डिस्टलरी हब के रूप में उभर रहा यूपी
  • डिस्टलरी प्लांट की सेंचुरी पूरी करने जा रहा यूपी, जल्द होंगी 98 डिस्टलरी
  • शराब माफिया और सिंडिकेट की कमर तोड़ने से डिस्टलरी उद्योग ने पकड़ी रफ्तार
  • शराब से निर्यात, निवेश और रोजगार बढ़ा, एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पाने में सहायक होगा डिस्टलरी उद्योग

लखनऊ। देश में शराब कारोबार में प्रदेश ने ऊंची छलांग लगाई है और शराब उद्योग अब डिस्टलरी हब के रूप में उभर रहा है। साथ ही प्रदेश डिस्टलरी प्लांट की सेंचुरी पूरी करने जा रहा है और जल्द डिस्टलरी की संख्या 98 हो जाएगी। प्रदेश में 18 कंपनियों ने डिस्टलरी में निवेश किया है, जिसमें तीन डिस्टलरियों में उत्पादन शुरू हो गया है। इसके अलावा 15 कंपनियों को डिस्टलरी लगाने की अनुमति दी गई है और तीन अन्य नई कम्पनियां जल्द डिस्टलरी उद्योग में निवेश करने वाली हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच वर्षों में शराब उद्योग से सिंडिकेट को खत्म किया है। साथ ही नीतियों में बदलाव और पारदर्शी व्यवस्था बनाकर चोरी पर रोक लगाई है। इससे प्रदेश के आबकारी राजस्व में दोगुने से अधिक का इजाफा हुआ है और 17 हजार करोड़ से बढ़कर 36 हजार करोड़ हुआ है। डिस्टलरी उद्योग एक लाख 80 हजार करोड़ से अधिक का व्यवसाय हो गया है। जिस कारण डिस्टलरी उद्योग एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पाने में भी सहायक हो रहा है।

शराब निर्यात में देश के 10 प्रमुख राज्यों में यूपी पांचवें से तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। जबकि आंध्र प्रदेश और गोवा पीछे छूट गए हैं। पिछले पांच वर्षों में नौ हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। अल्कोहल उत्पादन दोगुने से अधिक हुआ है और इस साल 170 करोड़ बल्क लीटर से अधिक होने की संभावना है। शराब उत्पादन भी दोगुने से अधिक हुआ है।

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18 और डिस्टलरी प्लांट में एक से तीन वर्ष में शुरू होगा उत्पादन

प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में पांच हजार करोड़ के निवेश से 19 डिस्टलरियां लग चुकी हैं। इससे अल्कोहल उत्पादन क्षमता 170 करोड़ लीटर से बढ़कर 282 करोड़ बल्क लीटर हो गया है। चार हजार करोड़ से अधिक के निवेश से लगने वाले 18 और डिस्टलरी प्लांट एक से तीन वर्ष में उत्पादन शुरू कर देंगे। प्रदेश से वित्त वर्ष 2021-22 में 167 करोड़ से अधिक मूल्य की शराब का और 3,537 करोड़ मूल्य के एथनाल का निर्यात हुआ है। जबकि पांच वर्ष पहले निर्यात कम होता था।

अल्कोहल और एथनाल उत्पादन में देश में पहले नंबर पर: भूसरेड्डी

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर सुधारात्मक कार्य किए गए हैं, जिससे प्रदेश से डिस्टलरी में निवेश और शराब का निर्यात बढ़ा है। अब प्रदेश अल्कोहल और एथनाल उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द डिस्टलियों का निर्माण पूरा कराकर उत्पादन शुरू कराएं, ताकि शराब निर्यात में भी प्रदेश नंबर एक हो।

रेडिको खेतान डिस्टलरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ब्रांड को लांच किया

प्रदेश सरकार की उद्योग नीति, चहुंमुखी विकास, ला एंड आर्डर के कारण अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियों ने प्रदेश में निवेश कर शराब का उत्पादन शुरू किया है, जिसमें परनाड रिकार्ड, डियाजियो, यूएसएस, विलियम ग्रांट, एबीडी और अल्कोब्रू प्रमुख है। प्रदेश में स्थित रेडिको खेतान डिस्टलरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ब्रांड को लांच किया है।

इनका हो रहा है निर्यात
माल्ट बियर, व्हीट बियर, ब्रांडी, व्हीस्की, रम, जिन, ग्रेन ब्लैंडड व्हीस्की, सिंगल माल्ट व्हीस्की आदि हैं।

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