बच्चों को मंकीपॉक्स से ऐसे बचायें
कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में बच्चों के लिए चिंता काफी बढ़ गई थी। पेरेंट बच्चों को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे थे। इसी तरह मंकीपॉक्स की खबर ने भी पेरेंट की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है। आमतौर पर मंकीपॉक्स को लेकर अभी भी जानकारी की कमी है।
कई पेरेंट के मन में बहुत-से सवाल है कि मंकीपॉक्स आखिर बच्चों के लिए कितना खतरनाक है। बच्चों की चिंता ज्यादा होने के कई कारण हैं। सबसे पहले, बच्चे स्वयं अपनी हेल्थ का ख्याल नहीं रख सकते इसलिए उन्हें देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है।
इन लक्षणों पर रखें नजर
मंकीपॉक्स के संक्रमण के शुरूआती लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं। बच्चों में देखने के लिए सामान्य लक्षण बुखार, तेज सिरदर्द, (लिम्फ नोड्स की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सुस्ती महसूस करना और चकत्ते हैं।
बुखार के 1-3 दिनों के अंदर, रोगी पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं, यदि यह एक मंकीपॉक्स का संक्रमण है। चकत्ते ओरल टिश्यू, हाथ की हथेलियों, पैरों के तलवों और प्राइवेट पार्ट्स पर भी देखे जा सकते हैं। दाने मैक्यूल्स (एक सपाट आधार वाले घाव) से पैप्यूल्स (थोड़ा उभरे हुए फर्म घाव), वेसिकल्स (स्पष्ट तरल पदार्थ से भरे घाव), पस्ट्यूल (पीले रंग के तरल पदार्थ से भरे घाव), और क्रस्ट जो सूख कर गिर जाते हैं, ऐसे ही घाव बनते हैं। चकत्ते या घाव की संख्या अलग हो सकती है। गंभीर मामलों में, घाव तब तक जमा हो सकते हैं, जब तक कि त्वचा का बड़ा हिस्सा ढीला न हो जाए।