दिल्ली में फिर से बढ़ रहे है कोरोना के मामले
दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर उछाल देखी जा रही है. बीते कुछ समय से रोजाना न केवल हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं, बल्कि संक्रमण दर भी करीब 10 फीसदी के पार पहुंच चुकी है. कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों की संख्या में भी अब लगातार इजाफा हो रहा है, ऐसे में दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना की दहशत बढ़ गई है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अभी घबराने या डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या अब भी कम है. लेकिन विशेषज्ञ ने यह भी चेतावनी दी कि कोरोना से बचने के लिए हर आदमी को सावधानी बरतनी चाहिए और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.
बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस के करीब 1300 से अधिक नए केस सामने आए. वहीं, दिल्ली में सोमवार को एक दिन में 1,060 नए कोविड मामले और छह मौतों से हड़कंप मच गया. मौतों की यह संख्या करीब चार महीनों में सबसे अधिक है. इतना ही नहीं, दिल्ली की संक्रमण दर भी सोमवार को 10.09 प्रतिशत रही, जो 24 जनवरी के बाद सबसे अधिक है जब यह आंकड़ा 11.8 प्रतिशत था.
दिल्ली के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सहमति व्यक्त की कि अभी कोरोना वायरस से बहुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है, मगर कोविड प्रोटोकॉल न मानने को लेकर आगाह किया. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी इसलिए देखी जा रही है, क्योंकि कई लोगों ने मास्क पहनना या सार्वजनिक स्थानों पर इसे ठीक से लगाना बंद कर दिया है. उन्हें लगता है कि वैक्सीन ले चुके हैं तो उन्हें कुछ नहीं होगा.
अपोलो अस्पताल के सीनियर कंटल्टेंट सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में विशेष रूप से कोविड के मामलों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन इस समय घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने की दर अभी भी बहुत कम है और वायरस से संक्रमित लोगों में संक्रमण की गंभीरता भी कम है. उन्होंने आगे कहा कि केवल बुजुर्ग या पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोग ही बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. इसके अलावा, लोगों को अब वैक्सीन लग चुकी है, जो बड़े पैमाने पर संक्रमण को हल्के स्तर पर रखने में भी मदद कर रहा है और उसे गंभीर नहीं होने दे रहा है.