पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच वर्चुअल बैठक
दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भारत और अमेरिका के बीच वॉशिंगटन में शुरू हो रहे 2+2 बैठक से पहले एक वर्चुअल बैठक करेंगे.
2+2 बैठक में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं. इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते और इंडो-पैसिफिक पर बात होगी.
व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति बाइडन ‘यूक्रेन पर रूस के बर्बर हमले के नतीजे’ पर बात करेंगे. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बातचीत में रूसी हमले का सीधा ज़िक्र नहीं किया है. रूस और यूक्रेन संकट को लेकर दोनों देशों का रुख़ अलग-अलग हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है, ”दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग के अलावा दक्षिण एशिया में और इंडो-पैसिफिक में हालिया प्रगति के साथ पारस्परिक हितों वाले वैश्विक मुद्दे पर बात करेंगे.
दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और श्रीलंका में नाटकीय बदलाव हुए हैं. पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार सत्ता से बेदख़ल हो गई है और श्रीलंका भयावह आर्थिक संकट के कारण अस्थिरता के दौर में फँसा हुआ है.
भारत और अमेरिका के बीच 2+2 की यह चौथी वार्षिक बैठक है. यह बैठक तब हो रही है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले का दूसरा महीना चल रहा है. रूसी हमले को लेकर भारत के रुख़ से अमेरिका सहमत नहीं है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार रात को ही वॉशिंगटन पहुँच चुके हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को पहुँचे हैं. दोनों की मुलाक़ात उनके समकक्षों एंटनी ब्लिंकन और लॉयड ऑस्टिन से होगी. बाइडन प्रशासन में यह वार्ता पहली बार हो रही है. पिछली बैठक अक्टूबर 2020 में हुई थी.
शुक्रवार को व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा था, ”भारत और अमेरिका यूक्रेन पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बर्बर हमले के नतीजों को लेकर बातचीत जारी रखेंगे. इस युद्ध के कारण ऊर्जा और खाद्य सामग्रियों की बढ़ती क़ीमतों पर भी बात होगी.”
भारत ने रूस से सस्ता तेल ख़रीदने की घोषणा की थी और इस घोषणा से अमेरिका ने नाराज़गी ज़ाहिर की थी. अमेरिका ने कहा है कि वह भारत को रूसी तेल का विकल्प देने के लिए तैयार है. हालांकि भारत रूस से अपनी ऊर्जा ज़रूरतों का एक से दो फ़ीसदी तेल ही आयात करता है.
द हिन्दू की ख़बर के अनुसार, दोनों देशों के बीच कई रक्षा समझौते भी होने हैं. भारत 30 प्रेडटर आर्म्स ड्रोन अमेरिका से ख़रीद रहा है. लेकिन इसकी मंज़ूरी अभी डिफेंस एक्विजेशन काउंसिल ने नहीं दी है. इसके अलावा नेवी के लिए 26 फाइटर जेट ख़रीदने की बात भी चल रही है.