केदारनाथ हाईवे पर सफर खतरे से खाली नहीं
केदारनाथ हाईवे पर भटवाड़ी सैंण, नैल सहित कई स्थान डेंजर बन गए हैं। एनएच लोनिवि द्वारा हाईवे चौड़ीकरण में बड़े बड़े चट्टानों में कटिंग तो कर दी गई किंतु यहां झूलते बोल्डरों का ट्रीटमेंट नहीं किया जिससे अब पहाड़ी से लटकते बोल्डर दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
कई जगहों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे प्रतिदिन हाईवे पर लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं।हाईवे चौड़ीकरण के बाद कई जगह अब खतरनाक बन गए हैं।
बरसात में पानी से भरी चट्टानों में अब धूप निकलते के बाद भूस्खलन जैसी स्थिति बन रही है। बीते दो दिन पूर्व भटवाड़ी सैंण नैल में हाईवे पूरे दिन बंद रहा, जिससे वाहनों की वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही हुई।
बारिश होते ही यहां बार-बार पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं जिससे निरंतर दुर्घटना की संभावना बनी है। वहीं नारायणकोटि, खाट के साथ ही कई अन्य स्थानों पर आवाजाही में खतरा बना है।
वहीं सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भी पत्थर गिरने का भय है। स्थानीय निवासी जितार जगवाण, राजेंद्र नौटियाल, जितेंद्र खन्ना, बंटी जगवाण, दीपांशु भट्ट, यशंवत बिष्ट, प्रकाश बिष्ट, सुरेंद्र सिंह कप्रवान, लक्ष्मण बिष्ट आदि ने कहा कि केदारनाथ हाईवे के डेंजर जोन का जब तक ट्रीटमेंट नहीं किया जाता तब तक यहां पर आवाजाही के दौरान लगातार नजर रखी जानी चाहिए। नहीं तो कभी बड़ा हादसा हो सकता है।
कहा कि जन सुरक्षा के लिए शासन प्रशासन को जल्द एनएच को इन खतनाक स्थानों का उपचार करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।