सालों से इलाज कर रहे डॉक्टर्स की डिग्री निकली फेक

राजधानी देहरादून में लम्बे समय से प्रैक्टिस कर रहे चार प्राइवेट आयुर्वेद डॉक्टरों की डिग्री फर्जी पाई गई है।

इसके बाद भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड ने चारों डॉक्टरों का पंजीकरण निरस्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।

 चिकित्सा परिषद के अधिकारियों ने बताया कि आयुर्वेद के इन चारों डॉक्टरों की ओर से भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण कराया गया था।

डॉक्टरों की ओर से पंजीकरण के लिए कर्नाटक बोर्ड ऑफ आयुर्वेदिक यूनानी प्रैक्टिशनर बैंगलोर का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था।

लेकिन उत्तराखंड परिषद की ओर से जब सत्यापन के लिए कर्नाटक बोर्ड से संपर्क किया गया तो बोर्ड ने अनापत्ति प्रमाण पत्र को फर्जी बताया है।

यह मामला सामने आने के बाद परिषद की ओर से पहले डॉक्टरों का पंजीकरण अस्थाई तौर पर निरस्त किया गया और अब अंतिम रिपोर्ट आने के बाद पंजीकरण को स्थाई तौर पर निरस्त कर दिया गया है।

भारतीय चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसांई की ओर से इस संदर्भ में आदेश भी किए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने देहरादून के मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का भी अनुरोध किया है।

विदित है कि जिले में गलत तरीके से प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार सीएमओ को है। इसलिए इस संदर्भ में सीएमओ को पत्र लिखा गया है।

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