लोग पार्टी ने संसद में गतिरोध के लिए एनडीए सरकार को ठहराया जिम्मेदार
लखनऊ,संवाददाता। लोग पार्टी ने आज संसद में पेगासस कांड पर बहस की अनुमति देने में अपने कठोर रवैये के लिए एनडीए सरकार की आलोचना की।
पार्टी ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार और पूरे विपक्ष के बीच गतिरोध के कारण मानसून सत्र बेकार चला गया।
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि संसद में लंबे समय तक व्यवधान का कारण सरकार द्वारा किसी मुद्दे पर तत्काल चर्चा या जांच की मांग पर ध्यान देने से इनकार करना था, जिसे विपक्ष महत्वपूर्ण मानता था।
सवाल यह है कि सरकारें सही होने पर बहस या जांच के आदेश देने से क्यों कतराती हैं। अनिवार्य रूप से, यह किसी भी सरकार की ओर से अनैतिक कार्रवाई थी जिसने विपक्षी दलों को उन्हें नीचे गिराने का मौका दिया।
लोकतंत्र ने मांग की कि कानून का शासन कायम रहे और व्यक्तियों और उनकी सोच को इसे लगातार बनाए रखना होगा। हमारे कानून कहीं भी अनियंत्रित व्यवहार की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए इसे हर जगह टाला जाना चाहिए।
यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी दलों ने संसद को कई हफ्तों तक सुचारू रूप से चलने देने से इनकार करने की इस तरह की कार्रवाई का सहारा लिया है।
पिछले कई दशकों के दौरान, हमारी संसद ने कई ऐसे अनियंत्रित दृश्य देखे हैं और कई हफ्तों तक कार्यवाही में लगातार व्यवधान- किसी न किसी बहाने से।
हमारे संसदीय लोकतंत्र में हमने आज सत्ता में बैठे लोगों को कई दशकों तक विपक्षी बेंचों में और आज विपक्ष में बैठे लोगों को लंबे समय तक ट्रेजरी बेंच में बैठे देखा है।
कई मौकों पर, बोफोर्स तोप खरीद घोटाला, 2 जी घोटाला, कोयला घोटाला, सुखोई खरीद घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला जैसे मुद्दों पर, कुछ नाम रखने के लिए, संसद कई हफ्तों तक ठप रही, जिससे जनता के सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
स्वाभाविक रूप से सत्ताधारी दल संसद के कामकाज में रुकावट नहीं चाहता जबकि विपक्षी दल सरकार को नीचा दिखाने के लिए एक संवैधानिक तरीके के रूप में संसद को ठप करने का उपयोग करते हैं। और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी बात सुनी जाए और उनकी उपेक्षा न की जाए।