जमीनी स्तर पर हो बाढ़ से राहत और बचाव का काम: भाकपा
लखनऊ,संवाददाता। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में बाढ़ से भारी तवाही और लाखों लोगों की दुश्वारियों पर गहरी चिन्ता जताई है।
भाकपा ने संगीन बने हालातों के बावजूद राज्य सरकार की हालातों के प्रति उपेक्षा पर भी अफसोस जताया है। यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि प्रदेश के 30 जिलों के लगभग 3000 गांव और कई शहरी क्षेत्र भीषण बाढ़ की चपेट में हैं।
इन गांवों के किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट होगयी है, उनके घर द्वार डूब और ढह गये हैं, लोग दाने दाने और आशियाने को मुंहताज हैं, उन्हें स्वच्छ पानी और दवाई तक नहीं मिल पारही तथा दर्जनों की जानें जा चुकी हैं।
वाराणसी और इलाहाबाद के हजारों मकानों की पहली मंजिलें तक डूब गयी हैं। भाकपा ने कहाकि राहत एवं बचाव कार्य चिंताजनक स्थिति तक अपर्याप्त हैं।
पीढ़ितों की समस्याओं का जमीनी स्तर पर निदान करने के बजाय शासक नौकायन और व्योमायान का लुत्फ उठा रहे हैं।
लोगों की तकलीफों के प्रति सरकार की यह असंवेदनशीलता असहनीय और अक्षम्य है। भाकपा ने मांग की कि प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य जमीनी स्तर पर किये जायें, जहां वाहन अथवा नाव नहीं पहुंच सके वहां हवाई जहाजोंध् हेलिकोप्टर्स से सामग्री पहुंचाई जाये।
सामग्री में आटा, चावल, नमक, मसाले, रिफाइंड, हरी मिर्च, प्याज, अदरक , नीबू, मिट्टी का तेल, माचिस, स्टोव, पेयजल, फल, बिस्कुट, जरूरी दवाएं एवं टार्च आदि जरूरी वस्तुएं शामिल की जायें। भाकपा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सभी जिला इकाइयों से आग्रह किया है कि वे जनता के सहयोग से लोगों की हर संभव मदद करें।