हमीरपुर : अन्ना गोवंश दिन-रात चट कर रहे फसलें
जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी नहीं बंद हुए गोवंश
भरुआ सुमेरपुर। जिलाधिकारी के सख्त आदेश के बाद भी अन्ना गोवंश संरक्षित ना होने से किसानों को खरीफ की फसलें बचाना मुश्किल हो रहा है.
सुमेरपुर ब्लॉक की 57 ग्राम पंचायतों में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 6545 अन्ना गोवंश मार्च माह तक संरक्षित था.
वर्तमान में यह 10 हजार से अधिक संख्या में धरातल में अन्ना घूम रहा है.
विगत दिवस जिलाधिकारी डा. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अन्ना गोवंश प्रत्येक दशा में संरक्षित होना चाहिए.
लेकिन जिलाधिकारी के आदेश का धरातल पर जरा भी असर नहीं हो रहा है.
एडीओ पंचायत सत्यप्रकाश गुप्ता ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद सभी पंचायतों को पत्र निर्गत करके अन्ना गोवंश संरक्षित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
साथ ही चरवाहा नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं. पशुपालन विभाग के अनुसार मार्च माह तक 57 ग्राम पंचायतों में 5380, जिला पंचायत के आश्रय स्थलों में 890 तथा नगर पंचायत के कान्हा को आश्रय स्थल में 1125 बेसहारा गोवंश फसल कटने के बाद अन्ना कर दिया गया था.
उसके बाद अभी तक बिदोखर मेदनी को छोड़कर कहीं भी इनको संरक्षित नहीं किया गया है.
इससे किसान परेशान है. किसानों ने बताया कि खरीफ में बोई गई मूंग उड़द की फसलों को बचाना मुश्किल हो रहा है.
बारिश में रात के समय अन्ना गोवंश फसलों को करारी चोट पहुंचा रहे हैं.
खेतों का हाल देखकर किसानों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है.
बिदोखर के किसान राधेश्याम सिंह, सीताराम सिंह, मुन्ना मिश्रा, मानसिंह भदोरिया, बच्चा गुप्ता, पप्पू सिंह, इंगोहटा के धनीराम साहू, रामसरण यादव, अशोक मिश्रा, रामकिशोर सिंह, भगवती यादव, सन्तोष साहू, बण्डा के पूर्व प्रधान संजय सिंह, बउवा यादव आदि ने बताया कि अन्ना गोवंश संरक्षित ना होने से किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ रही है.
जिसका खामियाजा मौजूदा सरकार द्वारा की गई व्यवस्था को उठाना पड़ रहा है।