होलाष्टक पर इन कामों को करने से बढ़ सकती हैं जीवन की मुश्किलें

होलाष्टक एक ऐसा समय है, जब सभी तरह के शुभ काम बंद हो जाते हैं। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है। यह फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है। इसकी समाप्ति होलिका दहन के साथ होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान मांगलिक कार्य करने से उसमें असफलता मिलती है। इसके साथ ही जीवन में नकारात्मकता आती है। ज्योतिष शास्त्र में इस अवधि को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं, जिनका पालन सभी को करना चाहिए, तो आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं, जो यहां पर दिए गए हैं।
होलाष्टक पर क्या करें और क्या नहीं?
- इस दौरान नया व्यवसाय शुरू न करें।
- इस अवधि में बाल और नाखून न कांटें।
- इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे – विवाह, कपड़े, आभूषण खरीदना, मुंडन संस्कार, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश आदि काम नहीं करने चाहिए।
- इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी जाती है।
- इन दिनों में आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में शामिल होना चाहिए।
- होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
- इस दौरान भगवद गीता का पाठ करना भी परम कल्याणकारी माना जाता है।
- इस अवधि के दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
- इन दिनों में हवन, मंत्र जप जरूर करना चाहिए।
- इस काल में जरूरतमंद लोगों को कपड़े, अन्न और धन का दान करना चाहिए।
- इस दौरान तामसिक भोजन जैसे – लहसुन, प्याज, अंडे और मांस आदि खाने से बचना चाहिए।
- होलाष्टक के दौरान प्रतिदिन अपने घर और पूजा कक्ष की सफाई करनी चाहिए।
- इस दौरान विवाद करने से बचना चाहिए।
होलाष्टक डेट और टाइम
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल होलाष्टक 07 मार्च से शुरू हो रहे हैं। वहीं, इस अवधि का समापन होलिका दहन के दिन यानी 13 मार्च 2025 को होगा। वहीं, 14 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा।