यूपी के गोरखपुर में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, सात हुए गिरफ्तार, एक जख्मी

तीन दिन से मोबाइल फोन लूटकर सनसनी फैलाने वाले बदमाशों को कैंट थाना पुलिस ने मंगलवार देर रात ताल रिंग रोड पर घेर लिया। पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में एक लुटेरे को गोली लग गई। इस कार्रवाई में पुलिस ने कुल सात बदमाशों को गिरफ्तार किया, जिनमें चार सगे भाई शामिल हैं।

पकड़े गए अपराधी बाइक चोरी कर लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे। इनके कब्जे से चोरी की दो बाइक, 27 मोबाइल और एक तमंचा और कारतूस बरामद किए। घायल बदमाश को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

कैंट थाना पुलिस मंगलवार रात ताल रिंग रोड पर चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान कुछ संदिग्ध बाइक सवार बदमाश पुलिस को देखकर भागने लगे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।

जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें एक बदमाश शफीक शेख उर्फ कोईल के पैर में गोली लग गई। गोली लगते ही वह सड़क पर गिर पड़ा, जबकि उसके अन्य साथी भागने लगे। पुलिस टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए घेराबंदी कर सभी को पकड़ लिया।

पकड़े गए बदमाशों की पहचान गीडा थाना क्षेत्र के जगदीशपुर धोबियान टोला निवासी शफीक शेख उर्फ कोईल, उसके तीन सगे भाई रमजान शेख, अली जान उर्फ छोटू और जान मोहम्मद के रूप में हुई है। इनके अलावा, सहजनवा निवासी नीतीश उर्फ शुभम, विकास सिंह और अरुण कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।

एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि जांच में सामने आया कि शफीक शेख उर्फ कोईल इस गिरोह का सरगना है। वह चोरी की गई पल्सर बाइक का इस्तेमाल लूट की घटनाओं में करता था। बदमाश किसी एक रूट पर जाकर राहगीरों से मोबाइल और अन्य सामान लूटते थे और वारदात के बाद बाइक को वहीं छोड़ देते थे। वे चोरी की गई बाइक को बेचते या उसमें तेल भराने भी नहीं जाते थे, जिससे पुलिस को उनका सुराग नहीं मिल पाता था।

मोबाइल बेचने में मदद करते थे अन्य बदमाश :

गिरोह के अन्य सदस्य लूटे गए मोबाइल बेचने में शफीक की मदद करते थे। पुलिस को शक है कि उनका नेटवर्क नेपाल तक फैला हुआ था और अब तक 50 से अधिक मोबाइल नेपाल में बेचे जा चुके हैं। गिरोह के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है।

पहले से जेल में बंद है एक भाई:

शफीक शेख उर्फ कोईल आठ भाइयों में से एक है। उसके चार भाई एक साथ पकड़े गए हैं, जबकि एक अन्य भाई, तोता, पहले से ही मोबाइल लूट के मामले में जेल में बंद है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह के पकड़े जाने से शहर में हो रही लूटपाट की घटनाओं में कमी आएगी। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि गिरोह के तार किन-किन अपराधियों से जुड़े हुए थे।

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