गरीबों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजने वाले डोनाल्ड ट्रंप अमीरों के लिए लाए गोल्ड कार्ड ऑफर, पढ़ें पूरी खबर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को देश निकाला दिया है। भारत, ब्राजील, मेक्सिको, पाकिस्तान समेत कई देशों के अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजा गया है। इसके अलावा पनामा और ग्वांतनामो बे में भी ऐसे लोगों को रखा गया है। भारत में तो अब तक तीन जहाज ऐसे अवैध प्रवासियों को लेकर चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग गरीब तबके के थे। आरोप है कि इन लोगों को हाथों में हथकड़ियां डालकर प्लेन में बिठाया गया था। लेकिन इस बीच उन्हीं डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसी स्कीम लॉन्च की है, जो किसी भी देश के अमीर व्यक्ति को आसानी से अमेरिकी नागरिकता देगी। यह स्कीम है- यूएस गोल्ड कार्ड वीजा।

इस गोल्ड कार्ड वीजा स्कीम के तहत अमीर विदेशी लोगों को 50 लाख अमेरिकी डॉलर की फीस पर नागरिकता दी जाएगी। यह स्कीम पहले से चली आ रही EB-5 वीजा प्रोग्राम की जगह लेगी। इस स्कीम के तहत अब तक नियम था कि यदि कोई विदेशी शख्स अमेरिका का ग्रीन कार्ड चाहता है तो उसे निवेश करके रोजगार सृजन करना होता था। इसके तहत कम से कम 8 लाख डॉलर खर्च करने होते थे। अब जो स्कीम डोनाल्ड ट्रंप लाए हैं, उसके तहत 50 लाख डॉलर की मोटी पूंजी लगानी होगी। हालांकि अमेरिका में ही डोनाल्ड ट्रंप के इस प्लान की आलोचना भी होने लगी है। एक वर्ग का कहना है कि इसका बेजा इस्तेमाल हो सकता है और फ्रॉड की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्ड को जारी करते हुए कहा कि इससे ग्रीन कार्ड मिल जाएगा। उन लोगों को अमेरिका की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ होगा, जो हमारे देश को मजबूत करने के लिए निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस गोल्ड कार्ड के बारे में डिटेल दो सप्ताह के अंदर जारी की जाएंगी। यही नहीं जब पूछा गया कि रूस के अमीरों को भी इसके जरिए एंट्री मिलेगी। इस पर ट्रंप ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे कई रूसियों को जानता हूं, जो बहुत अच्छे लोग हैं। ऐसा हो सकता है कि गोल्ड कार्ड स्कीम के तहत उन्हें भी परमिशन मिल जाए। ट्रंप सरकार के वाणिज्य मंत्री होनवार्ड लुटनिक ने भी कहा कि पहले से चल रहा EB-5 वीजा प्रोग्राम तो एक फ्रॉड है। अमेरिका की नागरिकता की वह काफी कम कीमत लगाता है। ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो प्लान लेकर आए हैं, वह काफी सही है।

क्या था अब तक चला आ रहा EB-5 वीजा प्रोग्राम

दरअसल ट्रंप प्रशासन ने जिस EB-5 वीजा प्रोग्राम को खत्म किया है, उससे 1990 में लॉन्च किया गया था। इसका मकसद यह था कि उन विदेशी लोगों को मौका दिया जाए, जो अमेरिका में निवेश करके रोजगार का सृजन कर सकते हैं। इसके तहत नियम था कि 10 लाख डॉलर का निवेश करें या फिर पिछड़े इलाके में 8 लाख डॉलर की फंडिंग करें, जिससे रोजगार का सृजन हो सके।

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