सज्जन कुमार को आजीवन कारावास, सजा से नाखुश पीड़ित ने की यह मांग

1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दो सिख नागरिकों की हत्या से जुड़े मामले में भी कांग्रेस नेता Sajjan Kumar को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार अब भी तिहाड़ जेल में हैं। दिल्ली की राउज ऐवन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इससे पहले 25 फरवरी तक अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

आजीवन कारावास की सजा से पीड़ित महिलाएं नाखुश

वहीं पर सज्जन कुमार को मिले आजीवन कारावास की सजा से पीड़ित महिलाएं नाखुश हैं। उनका कहना है कि सज्जन को फांसी की सजा हो। वहीं पर कोर्ट के फैसले के बाद सिख समुदाय के सदस्य सज्जन कुमार और कमलनाथ को फांसी देने की मांग करते दिखे।

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वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने कहा कि सज्जन कुमार की उम्र 80 से अधिक है, ऐसे में कोर्ट ने सज्जन को दो    उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि सज्जन को आईपीसी की धारा 302 और 436 के तहत उम्रकैद की सजा मिली है।

सज्जन कुमार को दंगा और हत्या आदि में ठहराया गया था दोषी

बता दें कि सज्जन कुमार को 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या से संबंधित मामले में दोषी ठहराया गया था। पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को 12 फरवरी को दंगा, गैरकानूनी सभा और हत्या आदि से संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।

पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली थी। अदालत ने 16 दिसंबर, 2021 को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए।

अभियोजन पक्ष का आरोप लगाया था कि घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी की और सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया।

भीड़ ने शिकायतकर्ता, जो जसवंत की पत्नी है, के घर पर हमला किया, जिसमें सामान लूटने और उनके घर को आग लगाने के अलावा उनके पति और बेटे की हत्या कर दी।

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