देश में Third Party Insurance हो सकता है अनिवार्य, पेट्रोल और Fastag की परेशानी होगी दूर…
भारत में हर साल लाखों की संख्या में सड़क हादसे होते हैं, जिनमें कई लोग घायल हो जाते हैा और बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो जाती है। इसके अलावा भारी नुकसान भी होता है। जिसे कवर करने के लिए Third Party Insurance काफी अहम हो जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जल्द ही इसे अनिवार्य किया जा सकता है। ऐसा न होने पर किस तरह की परेशानी हो सकती है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
अनिवार्य हो सकता है Third Party Insurance
भारत में सभी तरह के वाहनों के लिए जहां इंश्योरेंस करवाना काफी जरूरी होता है वहीं अब Third Party Insurance भी अनिवार्य किया जा सकता है। ऐसा न होने पर कई तरह की परेशानी भी वाहन मालिक को हो सकती हैं।
क्या होगी परेशानी
अगर आपके वाहन के लिए Third Party Insurance वैध नहीं होगा तो भविष्य में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा होने पर ईंधन मिलने में परेशानी होगी। इसके अलावा अगर आप हाइवे और एक्सप्रेस पर सफर करते हैं तो Fastag खरीदने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी और आपको दोगुना टोल चार्ज देना होगा। तीसरी परेशानी यह होगी कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस न होने पर वाहन मालिक के Driving Licence को भी रिन्यू नहीं किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने की सिफारिश
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मोटर वाहन इंंश्योरेंस से संबंंधित उपायों पर विचार करने की सिफारिश की गई है। एक अधिकारी के मुताबिक मंत्रालय इन प्रस्तवों पर काम कर रहा है और जल्द ही नियमों में बदलाव किया जा सकता है। जिसके बाद राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके पालन को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं।
लगता है भारी जुर्माना
मौजूदा समय में अगर किसी वाहन के साथ Third Party Insurance नहीं होता तो ऐसी स्थिति में भारी जुर्माना लगाया जाता है। नियमों के मुताबिक ऐसा होने पर दो हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा जुर्माने के साथ ही तीन महीने तक की जेल या दोनों हो सकते हैं।
कैसे करता है सुरक्षा
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 146 के मुताबिक भारत में वाहन चलाने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का होना जरूरी होता है। इसके होने पर अगर किसी वाहन के साथ हादसा होतो है तो थर्ड पार्टी के नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी की ओर से जाती है।