घरों के दाम में तगड़ा उछाल, दिल्ली-NCR में सबसे महंगा हुआ आशियाना

देश के आठ प्रमुख शहरों में मजबूत मांग के कारण सितंबर तिमाही के दौरान आवास की कीमतों में सालाना औसतन 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसमें दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रियल्टर्स की शीर्ष संस्था क्रेडाई, रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स और डेटा एनालिटिक फर्म लियासेस फोरास ने सोमवार को अपनी संयुक्त ‘हाउसिंग प्राइस-ट्रैकर रिपोर्ट Q3 2024’ जारी की। इससे यह जानकारी मिली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत के शीर्ष आठ बाजारों में औसत आवास की कीमतें Q3 (जुलाई-सितंबर) 2024 के दौरान सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़कर 11,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। इसकी वजह मजबूत मांग और सकारात्मक बाजार धारणा रही।” 2021 से लगातार 15वीं तिमाही में औसत आवास की कीमतों में वृद्धि हुई है।
सभी आठ प्रमुख शहरों में आवास की कीमतों में सालाना वृद्धि देखी गई। जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके बाद बेंगलुरु में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आंकड़ों के अनुसार, इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान दिल्ली-एनसीआर में औसत आवास की कीमतें 32 प्रतिशत बढ़कर 11,438 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं, जो एक साल पहले की अवधि में 8,655 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं।
घरों की कीमतों में जारी बढ़ोतरी से पता चलता है कि रियल एस्टेट को लेकर माहौल सकारात्मक है। अधिक से अधिक महत्वाकांक्षी घर खरीदार सामने आ रहे हैं, जिसके चलते बड़े घर बन रहे हैं। यह चीज कीमतों में वृद्धि में भी नजर आ रही है, क्योंकि घरों की कीमत लगातार बढ़ रही है। हमें उम्मीद है कि यह मजबूत गति नए साल में भी जारी रहेगी, क्योंकि आने वाले भविष्य में दरों में कटौती की उम्मीद है।
बोमन ईरानी, क्रेडाई नेशनल के प्रेसिडेंट
वहीं, Colliers, India की सीईओ Badal Yagnik का कहना है कि आवासीय बाजार धीरे-धीरे स्थिर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘डेवलपर्स कॉम्पैक्ट साइज की यूनिट ऑफर करके प्राइस-सेंसिटिव क्षेत्रों में अपनी रणनीतियों को फिर से तैयार कर रहे हैं। हालांकि औसत आवास की कीमतों में लगातार वृद्धि जारी रही है, जो कि Q3 2024 के दौरान 11 फीसदी YoY वृद्धि को दर्शाती है। अगर निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो घर खरीदारों को वित्तीय राहत मिल सकती है।’