देहारादून में ओला व रैपिडो की 32 बाइक टैक्सी सीज, जानिए कारण…

राज्य परिवहन विभाग से लाइसेंस लिए बिना शहर में अवैध रूप से यात्रियों का परिवहन कर रही ओला व रैपिडो कंपनी की बाइक-टैक्सी पर परिवहन विभाग की टीम ने बुधवार को व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की।

परिवहन अधिकारियों ने ओला व रैपिडो की मोबाइल एप पर पहले खुद बाइक-टैक्सी बुक की और वाहन के पहुंचने पर उसे सीज किया। ऐसे 32 वाहनों को सीज किया गया। आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि सीज किए गए अधिकांश वाहन निजी हैं और इनके कारण यात्रियों की सुरक्षा पर भी खतरा बना रहता है। कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधियों को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है।

परिवहन के लिए पूरी तरह अवैध यह वाहन

आरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम की शर्तों के विपरीत शहर में बड़ी संख्या में निजी वाहनों का संचालन आनलाइन बुकिंग एप के माध्यम से यात्रियों के परिवहन में किया जा रहा है। इस तरह के वाहनों में सफेद नंबर प्लेट होती है।

नियमानुसार टैक्सी में पंजीकृत वाहन पर पीली नंबर प्लेट होनी चाहिए, लेकिन रैपिडो कंपनी के अधीन संचालित अधिकांश वाहन सफेद नंबर प्लेट में संचालित हो रहे हैं। ऐसे वाहन यात्रियों के परिवहन के लिए पूरी तरह अवैध हैं।

कंपनी को भी एक-एक लाख रुपये जुर्माने का नोटिस

आरटीओ ने बताया कि बुधवार को एआरटीओ (प्रवर्तन) राजेंद्र विराटिया के निर्देश पर पांच टीमों ने अलग-अलग मार्गों पर अभियान चलाया। इस दौरान रैपिडो व ओला एप के अंतर्गत संचालित हो रहे 32 वाहन सीज किए गए। इनका दस-दस हजार रुपये का चालान किया गया। निजी वाहनों का संचालन कर रही आनलाइन बुकिंग कंपनी को भी एक-एक लाख रुपये जुर्माने का नोटिस भेजा गया है।

आरटीओ ने बताया कि सहारनपुर रोड, प्रेमनगर क्षेत्र, चकराता रोड व हरिद्वार रोड आदि पर अभियान चलाया गया। आरटीओ ने यात्रियों से भी अपील की है कि इस तरह के अवैध वाहनों में यात्रा न करें। चेकिंग टीम में परिवहन कर अधिकारी एमडी पपनोई, श्वेता रौथाण, अनुराधा पंत व जितेन्द्र बिष्ट सम्मिलित रहे।

एग्रीगेटर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य: आरटीओ

आरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइड-लाइन 2020 व उत्तराखंड आन-डिमांड ठेका गाड़ी परिवहन नियमावली-2024 के अनुसार कोई भी व्यक्ति तब तक एग्रीगेटर के रूप में कार्य नहीं कर सकता है, जब तक उसने परिवहन विभाग से लाइसेंस न लिया हो। इन एग्रीगेटर को कई बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन लाइसेंस नहीं लिया जा रहा। अब इनका संचालन बंद कराने की तैयारी की जाएगी।

जनता को मिल रही सहूलियत

परिवहन विभाग भले ही लाइसेंस न होने के कारण ओला, उबर, रैपिडो व ब्ला-ब्ला कंपनियों के वाहनों पर कार्रवाई कर रहा हो, लेकिन आमजन का कहना है कि इन वाहनों के संचालन से न केवल यात्रा सुगम हुई है बल्कि आटो व टैक्सी वालों के मनमाने किराये से भी राहत मिली है।

बाइक-टैक्सी के संचालन से एक व्यक्ति आराम से शहर में कम किराये में कहीं भी पहुंच सकता है। जिस दूरी के आटो वाले 200 से 300 रुपये लेते हैं, उसमें बाइक-टैक्सी 70-75 रुपये में पहुंच जाती है।

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