केदारनाथ में भारी बारिश के साथ भूस्खलन से बढ़ी चिंता, यात्रा में भक्तजनों की इस तरह बचेगी जान

गढ़वाल कमिश्नर और सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय ने कहा है कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन और डेंजर जोन पर यात्रियों को हेलमेट पहनाकर रास्ता पार कराया जाए। यह बात उन्होंने निरीक्षण के बाद शेरसी में आयोजित बैठक में कही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर और सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय और आपदा सचिव विनोद सुमन ने बुधवार को केदारघाटी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सोनप्रयाग भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का भी दौरा किया।

उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर किया जाएगा। डेंजर जोन को लेकर यात्रियों को पहले से सचेत और सतर्क करें। साथ ही अनाउंसमेंट सिस्टम और अलर्ट लाइट्स का सहारा लिया जाए। बैठक में कई विषयों पर चर्चा की और साथ ही 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते हुई क्षति के बाद हुए पुनर्स्थापन कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र और पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मास्क एवं हेलोजन लाईट लगवाने के भी निर्देश दिए।

आपदा सचिव ने कहा कि इस साल भारी बारिश के चलते बार बार यात्रा मार्ग पर भूस्खलन हो रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि केदारनाथ यात्रा सुगम और सुरक्षित हो इसके लिए सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों का संवेदनशीलता के साथ निर्वहन करें। उन्होंने बताया कि केदारनाथ यात्रा सुरक्षा के साथ सुचारू रखने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा निरंतर समीक्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री अब तक करीब 30 करोड़ रुपए मुआवजा और पुनर्स्थापना कार्यों के लिए स्वीकृत कर चुके हैं।

विनोद सुमन ने राष्ट्रीय राजमार्ग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सड़क व पैदल मार्गों पर जल्द कार्य करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि यात्रियों को मौसम की जानकारी हर समय दी जा रही है। यात्रा मार्ग पर पुनर्स्थापना कार्यों की मॉनिटरिंग और सुझावों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त कर्नल अजय कोठियाल ने सुझाव दिया कि कुंड में प्रस्तावित नए पुल निर्माण में सेना की सहायता ली जाए। इसके अलावा फिलहाल पैदल यात्रा मार्ग को चार मीटर तक चौड़ा किया जाना अनिवार्य है ताकि भीड़ बढ़ने पर पैदल मार्ग में जाम जैसी स्थिति न बने।

सोनप्रयाग में दो घंटे तक रोकी केदारनाथ यात्रा

केदारनाथ धाम की यात्रा पर बारिश के बावजूद भी यात्रियों की संख्या निरंतर बढ़ने लगी है। बुधवार को सोनप्रयाग में भारी बारिश के चलते सुबह दो घंटे यात्रा रोकी गई। जबकि इसके बाद सभी यात्रियों को केदारनाथ भेजा गया। बुधवार को दोपहर तक 4500 यात्री केदारनाथ रवाना हुए।

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