कोचिंग कांड पर MCD अधिकारियों ने मानी गलती, जानिए क्या कहा….

ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में अपने तीन साथियों की मौत के बाद से छात्रों का आक्रोश सातवें आसमान पर है। घटना के विरोध में छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। छात्र भूख हड़ताल पर चले गए थे। बुधवार को नाराज छात्रों के एक ग्रुप ने  Municipal Corporation of Delhi (MCD)अधिकारियों से मुलाकात की है। छात्रों से बातचीत के दौरान एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर तारिक थोमस ने माना है कि यह घटना निगम अधिकारियों की विफलता की वजह से हुई है। घटना की जिम्मेदारी लेते हुए थॉमस ने कहा, ‘यह हम सभी की नाकामी है और मेरे लिए निजी नाकामी है। एक अधिकारी के तौर पर यह हमारी विफलता है कि यह घटना हुई है। 

उन्होंने माना कि अधिकारियों को अपनी ड्यूटी बेहतर तरीके से करनी चाहिए थी यह नहीं होना चाहिए था। हमें बेहतर तरीके से अपनी ड्यूटी करनी चाहिए थी। इसका कोई बहाना नहीं है। छात्रों के एक ग्रुप को पुलिस बस के जरिए एमसीडी कमिश्नर के दफ्तर तक ले जाया गया था। जहां पर यह मीटिंग हुई है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक उनका प्रदर्शन खत्म नहीं होगा।

इससे पहले मंगलवार को 15 कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि और छात्रों ने दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की थी। बैठक में मौजूद छात्रों के मुताबिक उन्होंने बैठक के दौरान मृतक छात्रों के परिजनों के लिए 3 करोड़ रुपये की डिमांड की है। जबकि अभी तक कोचिंग संस्थानों ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो कितना मुआवजा देने के लिए तैयार हैं। 

छात्र ने कहा, ‘कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को कहा गया है कि वो संस्थान और छात्रों के बीच एक ऐसा ब्रिज बनाए ताकि वो मुआवजे का पैसा दे सकें। एलजी सर ने हमें आश्वासन दिया है कि एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें छात्र, कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। कमेटी यह भी जांच करेगी कि बिल्डिंग के निर्माण में नियमों का पालन किया गया है या नहीं।’

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