बिजली विभाग पर यूनिवर्सिटी कराएगा FIR, जानिए वजह…

बिहार के तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी, टीएमबीयू की जमीन पर सालों से काबिज बिजली विभाग से रेंट वसूली व कब्जे को हटाने के लिए गुरुवार को टीएमबीयू में एक बैठक हुई। टीएमबीयू के कुलपति डॉ. जवाहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अब बिजली विभाग के कब्जे को हटाने व विभाग से रेंट वसूली को लेकर कानूनी कार्रवाई ही एकमात्र रास्ता रह गया है।

कुलपति ने बैठक में कहा कि बिजली विभाग ने गलत तरीके से बिजली का बिल भेज दिया है। इस मामले को अब उपभोक्ता फोरम में ले जाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी कुलसचिव डॉ. विकास चंद्रा को दी गई है। साथ ही बिजली विभाग के कब्जे को हटाने व रेंट वसूली मामले में कुलसचिव को तुरंत ही मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। साथ ही कहा गया कि अगर कुलसचिव ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो वे लिखकर दे दें। कुलसचिव ने इन जिम्मेदारियों को निपटाने के लिए पांच जून तक का समय मांगा है। 

कुलपति ने कहा कि इस बीच एफआईआर करने में विलंब होता है और विश्वविद्यालय का बिजली कनेक्शन फिर से यदि काट दिया जाता है तो इसकी सारी जवाबदेही कुलसचिव की होगी। बैठक में सर्किल रेट के निर्धारण के लिए कुलपति ने कमेटी गठित करने के आदेश दिए। कमेटी में कुलसचिव, प्रॉक्टर, वित्त पदाधिकारी, इंजीनियर अंजनी कुमार और अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह को शामिल किया गया है। बैठक की शुरुआत में कुलपति ने बीते तीन अप्रैल को बिजली मामले में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय का अब तक रजिस्ट्रार द्वारा अनुपालन नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। 

बैठक में कुलसचिव डॉ. विकास चंद्रा, बीएन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार ठाकुर, सीसीडीसी डॉ. एसी घोष, कॉलेज इंस्पेक्टर डॉ. संजय कुमार झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद कुमार झा, विकास पदाधिकारी अनिल सिंह, पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर, डॉ. राहुल कुमार, टीएनबी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसएन पाण्डेय, मारवाड़ी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. शिव प्रसाद यादव, एसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. मुकेश कुमार सिंह, विजय मिश्रा, किरण कुमारी, सर्वानंद प्रसाद, असीम कुमार, यूई संजय कुमार, अंजनी कुमार सहित आदि की मौजूदगी रही।

विवि बिजली विभाग को 12 करोड़ भुगतान देने को तैयार

साथ ही बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों ने भी बिजली विभाग पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने के कुलसचिव के कार्यों की भर्त्सना की। बैठक में कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय 12 करोड़ रुपये का बिजली के बिल भुगतान करने को तैयार है बशर्ते वे पहले विश्वविद्यालय को ग्रिड और कार्यालय के बदले टीएमबीयू को किराया दे दें। टीएमबीयू ने 14 करोड़ मांगा है।

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