कंधे पर लकड़ी वाले वायरल आदिवासी नेता ने कांग्रेस दिया इस्तीफा, भाजपा में हुए शामिल

लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को सोमवार को एक और बड़ा झटका लगा जब छिंदवाड़ा के महापौर और आदिवासी नेता विक्रम अहाके ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। अहाके वही नेता हैं साल 2022 में महापौर चुनाव में जीत के बाद जिनकी चर्चा पूरे देश में हुई थी। उस वक्त उनकी एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी, जिसमें में साधारण चप्पल, कमर में गमछा और शर्ट पहनकर कंधे पर लकड़ी का गट्ठर लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे थे। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले अहाके ने उस चुनाव में जीत हासिल करते हुए महापौर चुनाव में कांग्रेस का 18 साल का सूखा खत्म किया था। जिसके बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी  ने अहाके की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उनकी तारीफ की थी। साथ ही उनकी बहन व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने इस जीत को लेकर पार्टी के कद्दावर नेता कमलनाथ को असंभव को संभव करने वाला नेता बताया था। 

अहाके की जीत थी बेहद खास

अहाके की जीत मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए एक नया जोश लेकर आई थी। खासकर 11 नगर निगमों से जिन 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी, उनमें से छिंदवाड़ा एक थी। यह जीत इस मायने में भी खास थी कि बिना शोर-शराबे के और प्रचार-प्रसार में लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए बिना भी लोगों के भरोसे के दम पर चुनाव में जीत हासिल की जा सकती है। अहाके की इस जीत ने देश में लोकतंत्र की एक नई तस्वीर पेश की थी, जिसमें गरीब से गरीब और साधारण से साधारण व्यक्ति भी चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेकर जीत हासिल कर सकता है। वहीं छिंदवाड़ा जैसी जगह पर जो कि पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का गढ़ माना जाता है, वहाँ पर 18 साल से महापौर चुनाव का ना जीत पाना भी कांग्रेस के लिए एक कमजोरी बना हुआ था, ऐसे में अहाके की जीत कांग्रेस के लिए एक ताजी हवा के झोंके की तरह थी, साथ ही पार्टी में युवाओं की नई पौध के लिए भी प्रेरणा देने वाला था।

स्कूल के वक्त किताब, बैग खरीदने की भी दिक्कत थी

जीत के बाद एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में अपना अनुभव शेयर करते हुए विक्रम ने कहा था- प्राथमिक शिक्षा से ही मैंने बहुत संघर्ष किया था, यहाँ तक कि कॉपी-किताब और बैग खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। बैग नहीं होता था, तो थैली में कॉपी-किताब रखकर तीन-चार किलोमीटर हमारे स्कूल जाया करते थे। फर्स्ट ईयर तक शादियों में कैटरिंग का काम किया है। शादियों में प्लेट उठाने तक का काम किया। मजदूरी का काम किया। साइकिल से पोस्टर बेचने जाया करता था।

विक्रम ने नहीं माँगा था महापौर का टिकट

इंटरव्यू में विक्रम ने बताया था कि मैं कमलनाथजी के समक्ष टिकिट मांगने भोपाल नहीं आया था। न ही किसी तरह की दावेदारी पेश की थी। मुझे अंदाजा नहीं था कि मेरा नाम भी कांग्रेस की सूची में होगा। मुझे समझ नहीं आया कि क्या हो गया। बता दें कि 2022 में हुए नगर निगम चुनाव के लिए छिंदवाड़ा के महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था।

मध्यप्रदेश में 21% हैं अनुसूचित जनजाति की संख्या

विक्रम अहाके अनुसूचित जनजाति से आते हैं, मध्यप्रदेश में जिनकी संख्या (2011 की जनगणना के अनुसार) करीब 21 प्रतिशत यानी 153.21 लाख है। ऐसे में इतने बड़े वर्ग के वोटरों को आकर्षित करने के लिहाज से भी अहाके कांग्रेस के लिए पोस्टर बॉय की तरह थे। जिन्हें देखकर युवा पार्टी में अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हो सकते थे। हालांकि अब उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस के लिए किसी बड़े झटके की तरह है। 

राहुल ने लिखा था- सच्ची मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है

दो साल पहले महापौर चुनाव में अहाके की जीत के बाद राहुल गाँधी ने सोशल मीडिया पर अहाके की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, ‘मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं, पिता जी किसान हैं और बेटा ‘महापौर’ है ।  मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।  

विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के ‘जिला सचिव’ के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे। हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके जी पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रूरत है।

भाजपा प्रत्याशी को 3786 वोटों से हराया था

जुलाई 2022 में हुए छिंदवाड़ा के महापौर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम अहाके ने भाजपा प्रत्याशी अनंत धुर्वे को 3786 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। 

भोपाल में ज्वॉइन की भाजपा

अहाके ने सोमवार को राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर जाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अहाके को सदस्यता दिलवाने के बाद इस बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उनके बेटे और कांग्रेस नेता नकुलनाथ ने आदिवासी समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे आहत होकर विक्रम अहाके ने ये निर्णय लिया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य कई भाजपा नेता भी मौजूद रहे। इससे पहले छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह भाजपा में शामिल हुए थे। तीन दिन पहले उन्होंने भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर अपनी पत्नी और हरई नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह तथा बहन व जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।

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