थायराइड बीमारी के कारण बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है असर, जानिए लक्षण…
भारत में थायराइड बीमारी के मामले अब हर साल बढ़ रहे हैं. खानपान की गलत आदतें इस बीमारी के बढ़ने का बड़ा कारण है. थायराइड की बीमारी थायराइड हार्मोन में गड़बड़ी के कारण होती है. महिलाओं में इस बीमारी के केस ज्यादा आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे बच्चे भी इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में हर 10 हजार बच्चों में से 37 को थायराइड की समस्या है. बच्चों में इस बीमारी के लक्षण आसानी से पहचान में भी नहीं आते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि बच्चों में थायराइड बीमारी की पहचान कैसे करें और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है.
डॉक्टरों के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र में शरीर में थायराइड का लेवल 0.55-5.31 से नीचे होना चाहिए. इससे अधिक या कम होने से थायराइड की बीमारी होने का खतरा रहता है. कुछ बच्चों में बचपन से ही थायराइड की बीमारी हो सकती है. भोजन में आयोडीन की कमी होने से भी बच्चे थायराइड का शिकार हो जाते हैं. कुछ मामलों में ऑटोइम्यून बीमारी की वजह से भी थायराइड हो जाता है. अगर पेट में बच्चे को अच्छा पोषण नहीं मिला है तो भी थायराइड की बीमारी होने का रिस्क रहता है.
मेंटल ग्रोथ पर भी असर
दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में डॉ. दीपक कुमार सुमन बताते हैं किथायराइड बीमारी की वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है. कुछ बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है. इसके अलावा भी बच्चों में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि बच्चों में थायराइड के मामले काफी कम आते हैं, लेकिन अगर ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
बच्चों में थायराइड के लक्षण
बच्चों में थकावट
इम्यूनिटी का कमजोर होना
स्किन में सूखापन
दांतों का कमजोर होना
बालों का कमजोर होना
मोटापा बढ़ना
अचानक वजन कम होना
आखों में सूजन
सांस लेने में परेशानी
कैसे करें बचाव
बच्चों के खानपान का ध्यान रखें
बच्चों की टीएसएच जांच कराएं
महिला को अगर थायराइड है तो बच्चे का विशेष ध्यान रखें
थायराइड के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लें