भारत पर परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाक के पूर्व मंत्री गिरफ्तार, J&K से 370 हटाने पर उगला था जहर
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान के बाद अब उनके सहयोगी दलें के नेताओं पर भी गाज गिरी है है। इसी कड़ी में उनकी सरकार में रेल मंत्री रहे अवामी मुस्लिम लीग (AML) के नेता शेख राशिद को रविवार शाम रावलपिंडी में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस राशिद को उनके ही घर से अरेस्ट कर किसी अज्ञात स्थान पर ले गई। पाकिस्तान के अखबार डॉन ने उनके वकील सरदार अब्दुल रज्जाक खान के हवाले से इसकी पुष्टि की है। 72 साल के शेख राशिद पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप हैं।
ये वही राशिद खान हैं, जिन्होंने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर भारत के खिलाफ जहर उगला था और बाद में भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी थी। तब के रेल मंत्री राशिद ने कहा था कि पाकिस्तान के पास आधे पाव से लेकर एक पाव तक के एटम बम हैं। इससे पाकिस्तान सेना का दुनियाभर में मजाक उड़ा था। उन्होंने 2020 में भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी थी और कहा था कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो यह ‘परमाणु युद्ध’ में बदल जाएगा।
पूर्व मंत्री के वकील ने बताया है कि सादी वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने शेख राशिद के साथ उनके भतीजे शेख राशिद शफीक और उनके सहायक को भी गिरफ्तार किया है। एक वीडियो संदेश में शेख राशिद के भतीजे शफीक ने कहा कि उनके चाचा को पंजाब पुलिस ने रावलपिंडी के बहरिया टाउन फेज III से गिरफ्तार कर लिया है और उनका वर्तमान ठिकाने का कोई अता-पता नहीं है। शफीक ने ऊपरी अदालतों से भी अनुरोध किया कि वह गिरफ्तारी पर ध्यान दें और पता लगाएं कि उसके चाचा को कहां ले जाया गया है। उन्होंने कहा, “हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।”
इस साल की शुरुआत में जून में शेख राशिद ने आरोप लगाया था कि इस्लामाबाद पुलिस ने उनके घर में घुसकर उनके नौकरों की पिटाई की है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि एक इसी तरह की दूसरी घटना में सादे कपड़े पहने पुलिसकर्मियों ने रावलपिंडी में उनके लाल हवेली आवास पर उनके कर्मचारियों पर अत्याचार किया था।
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर शेख राशिद की गिरफ्तारी की आलोचना की है। बता दें कि राशिद की गिरफ्तारी 9 मई को सरकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुई बर्बरता की घटनाओं के बाद पीटीआई और उसके समर्थकों पर हो रही कार्रवाई के बीच हुई है। जब इमरान खान को पहली बार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किया गया था, तब देशभर में इमरान समर्थकों ने 9 मई को हंगामा किया था।