देहरादून में 200 से ज्यादा क्लीनिक और अस्पताल होंगे सील, नोटिस जारी, जानिए वजह…
देहरादून के 247 क्लीनिक और अस्पतालों पर सीलिंग की कार्रवाई हो सकती है। इन्होंने लंबे समय से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट के तहत रिन्युअल नहीं कराया है। इनमें से ज्यादातर ने कोरोनाकाल में प्रतिष्ठान बंद रहने की बात कहकर जुर्माने में छूट मांगी थी, जिसे सीएमओ स्तर से जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में रखा गया। इस समिति की अध्यक्ष एवं डीएम सोनिका ने ऐसा कोई प्रमाण नहीं होने की दशा में ऐक्ट के तहत जुर्माना लगाने के साथ सीलिंग की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। उधर, क्लीनिक संचालक सीएमओ कार्यालय पर आरोप लगा रहे हैं।
ऐक्ट में 100 रुपये प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान
सीएमओ डॉ. संजय जैन के अनुसार, समिति के समक्ष कई मुद्दे रखे गए थे। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट में 100 रुपये प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान है। कुछ ने कोरोनाकाल में प्रतिष्ठान बंद रखने का हवाला देकर छूट मांगी थी, लेकिन उनके पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। लिहाजा, समिति ने कार्रवाई के लिए कहा है। इस ऐक्ट में छूट नहीं दी जा सकती।
110 ने कराया रिन्युअल, 83 ने ही दी बंदी की सूचना
सीएमओ कार्यालय के मुताबिक, 2020 से 467 एलोपैथी, होम्योपैथी, डेंटल, आयुष प्रतिष्ठानों को रिन्युअल नहीं कराने पर नोटिस जारी किए गए थे। 110 ने जुर्माना भरकर रिन्युअल करा लिया। 83 ने बंदी की जानकारी दी। 247 क्लीनिक-अस्पतालों ने सूचना नहीं दी। इनको नोटिस दिए जा रहे।
277 क्लीनिक और अस्पताल बंद, नोटिस चस्पा
एसीएमओ डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि जिले में ऐक्ट के तहत 1802 मेडिकल संस्थान पंजीकृत हैं। इनमें 206 सरकारी, 278 आयुष, 75 होम्योपैथिक, 148 रेडियोलॉजी एवं पैथोलॉजी, 307 डेंटल, 263 एलोपैथिक एवं 248 बेडेड अस्पताल हैं। 2016 से अब तक 277 बंद हो चुके हैं। इनके दफ्तरों पर नोटिस लगा दिया गया है कि शुल्क, विलंब शुल्क और जुर्माना केवल सीएमओ देहरादून के नाम से ड्राफ्ट से जमा होगा।