कंगाली के बाद पाक पर गहराएगा बिजली संकट, अगले दस सालों में 48% तक बढ़ सकती है मांग

इस्लामाबाद, बिजली की बढ़ती मांग के बाद, पाकिस्तान को संबंधित समय सीमा के भीतर बिजली संयंत्र बनाने और अतिरिक्त सस्ते बिजली स्रोत लाने की आवश्यकता हो सकती है। एक अध्ययन के आधार पर स्थानीय न्यूज एजेंसी द न्यूज इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है।

अगले दशक में 48 प्रतिशत बढ़ सकती है बिजली की मांग

अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि पाकिस्तान की बिजली की मांग अगले दशक में 48 प्रतिशत बढ़ेगी, जो वर्ष 2022 में 154 टेरावॉट-घंटे से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2031 में 228 टेरावॉट-घंटे हो जाएगी। बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, पाकिस्तान को अतिरिक्त बिजली का निर्माण और उसे राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ना होगा।

उच्च परिचालन लागत के कारण बढ़ा वित्तीय बोझ

पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर इक्विटेबल डेवलपमेंट (PRIED) और रिन्यूएबल्स फर्स्ट द्वारा किए गए लेटेस्ट अध्ययन ‘पावरिंग पाकिस्तान’ में कहा गया है, “मौजूदा बिजली संयंत्र में उच्च परिचालन लागत के कारण वित्तीय बोझ बढ़ रहा है, जिससे सस्ते बिजली स्रोतों के साथ उनके विस्थापन की आवश्यकता होगी।”

 अगले दशक में 30 गीगावॉट नए बिजली संयंत्र बनेंगे

आईजीसीईपी एक व्यापक योजना दस्तावेज है, जिसे नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलरिटी अथॉरिटी (एनईपीआरए) द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसे नेशनल ट्रांसमिशन डिस्पैच कंपनी (एनटीडीसी) द्वारा सालाना तैयार किया जाता है। लेटेस्ट अनुमोदित आईजीसीईपी में कहा गया है कि अगले दशक में लगभग 30 गीगावॉट नए बिजली संयंत्र बनाए जाएंगे और राष्ट्रीय ग्रिड में एकीकृत किए जाएंगे।

40 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता

हालांकि, द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इस पहल के लिए लगभग 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अरबों डॉलर के महंगे और अकुशल बिजली संयंत्रों के निर्माण के जोखिम का सामना कर रहा है। इस तरह के लापरवाह फैसलों का बोझ पाकिस्तान की जनता के कंधों पर पड़ेगा और आने वाले सालों में इन लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

महंगे संयंत्रों और प्रतिबद्धताओं के बोझ तले दबा पाकिस्तान

बिजली नियोजन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण न केवल बिजली उत्पादन के लिए ईंधन की लागत महंगी होती है, बल्कि सर्कुलर ऋण बढ़ने की मौजूदा समस्या को भी बढ़ाव मिल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, बिजली संयंत्र दशकों से बिना उचित योजना के बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान अब महंगे संयंत्रों और प्रतिबद्धताओं के बोझ तले दब गया है, जिसे चुकाने के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker