यूपी के आयुष घोटाले की नहीं होगी CBI जांच, HC के आदेश पर SC ने लगाई रोक, जानिए मामला…
यूपी के आयुष दाखिले में घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। आयुष विभाग के विभिन्न पाठ्यक्रमों के नामांकन में अनियमितता और घोटाले की जांच फिलहाल यूपी एसटीएफ की टीम कर रही है। वाराणसी के संतुष्टि हास्पिटल की निदेशिका ऋतु गर्ग की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार का पक्ष रख रहे अतिरक्ति सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाई।
उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व आयुष मंत्री धरम सिंह सैनी, आयुष विभाग के तत्कालीन अतिरक्ति मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी और अन्य के खिलाफ 2019 में आयुष के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में कथित अनियमितता और रिश्वत लेने के आरोपों की जांच करने का निर्देश सीबीआई को दिया गया था।
वाराणसी से संतुष्टि हास्पिटल की निदेशक डॉक्टर रितु गर्ग की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह के साथ महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह व एसटीएफ के डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित उपस्थित थे।
सुनवाई के दौरान मामले के अन्य अभियुक्त व आयुर्वेद निदेशालय के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी डॉ. उमाकांत सिंह द्वारा विवेचनाधिकारी को दिया गया बयान पढ़ा गया, जिसमें उसका कहना था कि यूजी पीजी 2019 में आयुष विभाग में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी, तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी सहित अन्य आला अफसरों द्वारा रिश्वत ली गई। कहा गया कि मंत्री ने अपने बंगले पर एक करोड़ पांच लाख रुपये लिए तो वहीं अपर मुख्य सचिव ने भी 25 लाख रुपये लिए थे। रिश्वत का बंटवारा सेक्शन अफसर तक हुआ।
‘आंख नहीं बंद कर सकते’
विवेचनाधिकारी ने बताया कि अभियुक्त डॉ. उमाकांत के बयान में आरोपों को किसी वरिष्ठ अधिकारी से सत्यापित नहीं कराया गया। कोर्ट ने कहा कि आरोप गंभीर हैं और ऐसा सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुपालन की आड़ में किया गया है, कोर्ट आंख नहीं बंद रख सकता। हालांकि कोर्ट ने अभियुक्त डॉ. रितु गर्ग की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
पिछले महीने एसटीएफ से सीबीआई ने लिए दस्तावेज
आयुष कॉलेजों के दाखिले में हुए फर्जीवाड़े की जांच को लेकर सीबीआई हरकत में आ गई थी। सीबीआई के दो अधिकारियों ने मौखिक तौर पर एसटीएफ के अफसरों से इस केस से जुड़ी कई जानकारियां ली थीं। चार्जशीट और वैज्ञानिक साक्ष्यों के बारे में भी पूछा था। हालांकि, सीबीआई ने अधिकारिक तौर पर अभी एसटीएफ से कोई दस्तावेज नहीं लिए हैं।
कब क्या हुआ
11 अक्तूबर, 2022- दाखिले के फर्जीवाड़े की शिकायत हुई
04 नवम्बर, 2022- तत्कालीन निदेशक प्रो. एसएन सिंह ने एफआईआर करायी
06 नवम्बर, 2022- निदेशक प्रो. एसएन सिंह, प्रभारी अधिकारी उमाकांत निलम्बित
10 नवम्बर, 2022- प्रो. एसएन सिंह, उमाकान्त समेत 12 गिरफ्तार
14 फरवरी, 2023- एसटीएफ ने 13 लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट पेश की
14 फरवरी, 2023- पूर्व मंत्री और एक आईएएस अधिकारी का नाम रिश्वत में सामने आया
25 मई, 2023-संतुष्टि आयुर्वेद कालेज की निदेशक रितु गर्ग की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश