सर्दियों में अमृत समान हैं गिलोय, जानिए इसके फायदे
गिलोय एक आयुर्वेदिक हर्ब है और इसका इस्तेमाल इंडियन मेडिसिन में सदियों से किया जा रहा है। आपको बता दें कि संस्कृत में गिलोय का अर्थ होता है अमृत। गिलोय को अमृत इसलिए माना गया है क्योंकि इसके बहुत से हेल्थ बेनेफिट्स हैं। जी दरअसल गिलोय का तना सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है, हालाँकि इसकी जड़ के भी बहुत से फायदे हैं। आपको बता दें कि गिलोय को जूस, पाउडर या कैप्सूल्स के रूप में लिया जा सकता है, इसी के साथ ही इसका इस्तेमाल लोग काढ़ा बना कर भी करते हैं। अब हम आपको बताते हैं गिलोय के सेवन करने से इन किन-किन हेल्थ कंडीशंस में हो सकता है।
किन हेल्थ कंडीशंस में करें गिलोय का इस्तेमाल?- गिलोय का इस्तेमाल कई सालों से इंडिया में ट्रेडिशनल मेडिसिन के रूप में किया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने और ब्लड शुगर लेवल को सही रखने जैसी कई समस्याओं में लाभदायक हैं।
खराब डाइजेशन– गिलोय डाइजेशन को सुधारने और बाउल रिलेटेड इशूज को सुधारने में मददगार है। इसके इस्तेमाल से कब्ज में भी राहत मिलती है।
डायबिटीज– गिलोय एक हायपोग्लाइसेमिक ड्रग की तरह काम करता है और डायबिटीज के उपचार में मदद कर सकता है। हाय ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए इसका जूस पीने से लाभ होता है।
स्ट्रेस और एंजाइटी– गिलोय का एक एडेप्टोजेनिक हर्ब के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह स्ट्रेस और एंजाइटी को कम करने में मददगार है।
आर्थराइटिस- गिलोय को आर्थराइटिस का उपचार करने के लिए जाना जाता है। जोड़ों में दर्द के लिए गिलोय के तने के भाग को दूध के साथ उबाला जाता है और फिर इसका सेवन किया जाता है।
अस्थमा– गिलोय का इस्तेमाल अस्थमा में होने वाली समस्याएं जैसे चेस्ट टाइटनेस, सांस लेने में समस्या, खांसी आदि में किया जाता है। इस स्थिति में रोगी को गिलोय की जड़ को चबाने या गिलोय जूस को पीने की सलाह दी जाती है।