कर्णाटक – महाराष्ट्र सीमा विवाद: कर्नाटक के मंत्री के बयान पर महाराष्ट्र के नेता भड़के
दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा में सीमा विवाद (Maharashtra Karnataka Border Dispute) का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होने के बाद इसका असर कर्नाटक विधानसभा में भी महसूस किया गया है। इस दौरान कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी. एन. अश्वथ नारायण (CN Ashwath Narayan) ने दावा किया कि मुंबई में 20 प्रतिशत कन्नड़ भाषी रहते हैं, इसलिए मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाये। दरअसल, नारायण ने यह बात महाराष्ट्र के विपक्षी दलों की उस मांग पर कही, जिसमें सीमा विवाद का समाधान होने तक कर्नाटक में मौजूद विवादित क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने को कहा गया था। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने विपक्ष की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था।
कर्नाटक के मंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि अगर बेलगाम (Belgaum) को केंद्र शासित करना चाहते हैं, तो हम मुंबई को भी केंद्र शासित करने की मांग करते हैं। महाराष्ट्र ने महाजन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया है। तो अब महाजन आयोग का कोई सवाल ही नहीं है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर मामला जाना समय तक नहीं चलेगा। संसद के पास इस मुद्दे को हल करने का अधिकार है। हम शांतिपूर्ण हैं हम महाराष्ट्र के कन्नड़ लोगों को कभी गुमराह नहीं करते हैं। नारायण ने यह भी कहा कि सीमा का मुद्दा खत्म हो गया है और इस पर अब चर्चा नहीं होनी चाहिए।
दरअसल, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में केंद्र सरकार से “विवादित क्षेत्रों” को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने का अनुरोध किया था। इस पर आग बबूला हुए कर्नाटक के मंत्री अश्वथ नारायण ने मांग की है कि मुंबई को केंद्र शासित बनाया जाए। उन्होंने कहा, बेलगाम को केंद्र शासित बनाने से पहले आपको मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना होगा।
नारायण ने महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर वे यह सवाल पूछें कि मुंबई में कितने मराठी लोग रहते हैं तो यह उनके लिए मुसीबत बन सकता है। उद्धव ठाकरे को इस तरह के बयान देने से पहले सोचना चाहिए था। उद्धव ठाकरे और अन्य नेता राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सीमा का मुद्दा उठा रहे हैं।“