भू-कानून कमेटी के मानक,पांच नाली से कम भूमि वाला होगा भूमिहीन!
देहरादून : भू-कानून समिति ने लोगों को भूमिहीन होने से बचाने के लिए भी सख्त सिफारिश की है। समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में पहाड़ों पर पांच नाली से कम व मैदान में आधा एकड़ से कम जमीन वालों को भूमिहीन माना जाए। इन लोगों की जमीन सिर्फ लीज पर लेने का प्रावधान किया जाए ताकि राज्य में कोई भी ऐसा व्यक्ति न हो, जिसके पास भविष्य में अपनी कोई पुश्तैनी जमीन ही न बचे।
उत्तराखंड के राजस्व ऐक्ट में अभी तक भूमिहीन को परिभाषित नहीं किया गया था। अब समिति ने सुझाव दिया है कि भूमिहीन के लिए पर्वतीय क्षेत्र में न्यूनतम पांच नाली और मैदानी क्षेत्र में आधा एकड़ न्यूनतम भूमि का मानक तय हो। समिति का तर्क है कि गरीब लोगों की जमीनें खरीद कर, उन्हें पूरी तरह भूमिहीन बना दिया जाता है।
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ऐसे में यदि भविष्य में राज्य का ही कोई व्यक्ति भूमि खरीदना चाहता है, तो वो भूमि खरीदने की स्थिति में नहीं रहता। समिति ने टिहरी जनपद के एक पूर्व आईएएस अधिकारी मायाराम का जिक्र करते हुए बताया कि उत्तराखंड में उनके परिजनों के नाम पर कोई भूमि नहीं बची थी।
ऐसे में जब बाद में मायाराम ने उत्तराखंड में जमीन खरीदने का प्रयास किया, तो वो 250 वर्ग मीटर भूमि के मानक से बंध गए। भविष्य में फिर किसी के सामने ये स्थिति न आए, इसके लिए इस मानक को सख्त किया जाए।