छत्तीसगढ़ : हड़ताल खत्म, आज से काम पर लौटेंगे 4 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में एक बार फिर से रौनक लौटने वाली है. प्रदेश के कर्मचारी सोमवार से काम पर वापस लौट जाएंगे. सूबे के कृषि मंत्री और सरकार के प्रवक्ता रविन्द्र चौबे ने कर्मचारियों और सरकार के बीच मध्यस्थता की पहल की और सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर कृषि मंत्री ने अपने बंगले पर कर्मचारी नेताओं से बात की और मंत्री के बंगले में ही कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान बीते शुक्रवार को कर दिया. प्रदेश के 4 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे.

छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा व छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता तत्काल और 3 प्रतितशत दिवाली के पहले बढ़ाने का आश्वासन सरकार की ओर से दिया गया है. इसके अलावा 1 जुलाई 2021 से देय एरियर्स जीपीएफ खाते में जमा होगा, लंबित गृह भाड़ा भत्ता का वित्तीय भार परीक्षण करने के लिए कमेटी बनाने,  हड़ताल अवधि का अवकाश एडवांस में स्वीकृत करने के आश्वासन के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया है.

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हड़ताल और सियासत
छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर सियासत शुरू से जुड़ी रही. सूबे के कई मंत्रियों ने जहां इसे बीजेपी और आरएसएस के द्वारा प्रायोजित बताया तो वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव समेत कई नेताओं ने धरना स्थल में जाकर कर्मचारियों को खुलकर सपोर्ट किया. इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी ट्विट कर कर्मचारियों के साथ खड़े रहने की बात कही. बीजेपी के इस सपोर्ट के बावजूद कर्मचारियों ने आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर दी. अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का कहना है कि कर्मचारियों ने सरकार के दबाव में हड़ताल खत्म की है.

वीडियो ने मचाई खलबली
हड़ताल खत्म होने के बाद एक वीडियो ट्विस्ट और सामने आता है जब  6 प्रतिशत डीए की पर सहमती जताने और हड़ताल से खुद को अलग रखने वाले संघ के अध्यक्ष अनिल शुक्ला द्वारा एक वीडियो जारी किया जाता है, जिसमें अनिल शुक्ला ये कह रहे हैं कि जिन मांगों पर हड़ताल खत्म की गयी है, उस पर पहले ही सरकार ने सहमति दे दी है और हड़ताल करने वाले फेडरेशन पर कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

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हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि कर्मचारियों को बीजेपी का साथ रास नहीं आया और उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी और इसका जवाब कर्मचारी ही दे सकते हैं कि उन्होने क्यों हड़ताल खत्म की. लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी है और वे काम पर वापस लौट रहे हैं. बहरहाल हड़ताल खत्म होने के बाद अब कर्मचारियों की निगाहें सरकार की ओर हैं और सरकार की निगाह कर्मचारियों पर है, लेकिन इस बीच कई और आंदोलनों की सुगबुगाहट होने लगी है.

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