स्मार्टफोन इंस्टेंट-लोन मामले में ED का एक्शन,RazorPay, Paytm, Cashfree के ठिकानों पर छापेमारी

दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित स्मार्टफोन आधारित अवैध इन्स्टैंट लोन के खिलाफ चल रही जांच के तहत, ऑनलाइन पेमेंट गेटवे, रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री जैसी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की है. प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा, ‘2 सितंबर को चाइनीज लोन ऐप केस से संबंधित जांच के संबंध में बेंगलुरु में छह परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाया.’ संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने छापे के दौरान मर्चेंट आईडी और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इन एप्स के बैंक खातों में रखे गए 17 करोड़ रुपये को जब्त कर लिया है.

ईडी ने अपने बयान में कहा, ‘यह पता चला है कि उक्त संस्थाएं पेमेंट गेटवे/बैंकों के पास रखे गए विभिन्न मर्चेंट आईडी/अकाउंट्स के माध्यम से अपना संदिग्ध/अवैध कारोबार कर रही थीं. इस संबंध में रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित/संचालित संस्थाओं के परिसरों को तलाशी अभियान में शामिल किया गया है.’ केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा, ‘रेड के दौरान बरामद दस्तावेजों से पता चला है कि ये संस्थाएं पेमेंट गेटवे/बैंकों के पास रखे गए विभिन्न मर्चेंट आईडी/खातों के माध्यम से अपराध की आय उत्पन्न कर रही थीं और एमसीए (कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय) की वेबसाइट पर पंजीकृत पते से काम नहीं कर रही हैं, बल्कि उनके द्वारा उवलब्ध कराए गए पते नकली हैं.

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ईडी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उसकी यह जांच, बेंगलुरु पुलिस के विभिन्न साइबर क्राइम स्टेशंस द्वारा दर्ज की गईं कम से कम 18 प्राथमिकी पर आधारित है. ये मामले उन व्यक्तियों की ओर से दर्ज करवाए गए हैं, जिन्होंने इन संस्थाओं के मोबाइल एप्स के जरिए छोटी राशि का ऋण लिया था और उक्त संस्थाओं की जबरन वसूली और उत्पीड़न से परेशान हैं. आपको बता दें कि देश में संचालित 365 लोन ऐप्स और उनके साथ पार्टनरशिप रखने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs)  की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित तौर पर  800 करोड़ रुपये से अधिक की ‘अपराध की आय’ का स्त्रोत पाया है.

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