इलेक्ट्रिक डेटोनेटर से 12: 30 बजे कनेक्ट होंगे ट्विन टॉवर, 2:30 बजे एक ही बटन से होंगे जमींदोज

नोएडा. नोएडा में भ्रष्टाचार से बने ट्विन टॉवर रविवार को जमींदोज हो जाएंगे. बरसों से खड़ी दोनों गगनचुंबी इमारत दोपहर बाद मलबे के ढेर में तब्दील हो जाएगी. इसके लिए दोनों टॉवर सियान और एपेक्स को इलेक्ट्रिक डेटोनेटर से दोपहर 12:30 बजे आपस में कनेक्ट कर दिया जाएगा. इससे एक ही बटन दबाकर 2:30 बजे दोनों टॉवरों को विस्फोट से उड़ा दिया जाएगा. यह जानकारी टॉवर को ध्वंस करने वाली कंपनी के इंजीनियर मयूर मेहता ने न्यूज 18 को दी.

मयूर मेहता के मुताबिक इंजीनियरों की टीम ने विस्फोटक लगा दिया है. आज भी विस्फोट से पहले फाइनल चेकअप होगा. ट्विन टॉवर को ढहाने में कुल 12 सेकेंड लगेंगे. इसमें पांच सेकेंड टॉवर में विस्फ़ोट होंगे. साथ ही 7 सेकेंड में बारूद जलकर टॉवर को मलबा बनाकर ढहा देगी.

चेन्नई से आया रिमोट कंट्रोल और वाईब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम आज लगेगा
इंजीनियरों की टीम सुबह से ही मिशन में जुट गईं हैं. वह टॉवर में बिछाई गई वायरिंग का चेकअप कर रही हैं. इसके बाद चेन्नई से आया रिमोट कंट्रोल सिस्टम फिट किया जाएगा. इसके साथ ही पावर जेनरेट करने वाला बॉक्स भी लगेगा. वाइब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम भी चेन्नई से लाया गया है. यह धमाके के दौरान होने वाले वाइब्रेशन को नापेगा. इसको बगल के टॉवर में लगाया जाएगा.

प्रदूषण कंट्रोल के लिए लगीं खास मशीनें
पॉल्यूशन बोर्ड के क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार ने दावा किया कि 24 घंटे पॉल्यूशन मॉनिटर किया जाएगा. इसके लिए 6 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग मशीन लगा दी गई हैं. टॉवर ध्वस्त होने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल को जमीन की सतह पर बैठने का वक्त लगेगा. इसके लिए एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं. वॉटर स्प्रिंक्लिंग, मैनुअल स्वीपिंग, एंटी स्मॉग गन से धूल को कंट्रोल किया जाए. करीब 200 लोगों का स्टाफ पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए तैनात किया गया है.

10 से जीरो तक होगा काउंट डाउन
दोनों टॉवर 28 अगस्त दोपहर ढाई बजे ही गिराए जाएंगे. इसके लिए सभी विभागों से क्लियरेंस मिल गई है. इसके लिए जेट डिमोलिशन और एडिफिस कंपनी को हरी झंडी दे दी गई है. स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही एक्स्टर-1 और 2 के पिलर, बीम और कॉलम को मिलाकर 57 प्वांइट पर काम पूरा कर लिया गया. डिमोलिशन से पहले इसे फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया जाएगा. 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट किया जाएगा.

हवा की विपरीत दिशा में लगेगा ‘शॉर्ट एक्सप्लोडर’
ब्लास्टिंग करने वाली कंपनी के ओनर उत्कर्ष मेहता के मुताबिक ट्विन टॉवर में ब्लास्ट की निगरानी के लिए जहां एक कंट्रोल रूम बनेगा, उससे अलग टॉवर से 100 मीटर की दूरी पर ‘शार्ट एक्सप्लोडर’ (ब्लास्टिंग एक्सप्लोडर) भी बनेगा. इस एक्सप्लोडर से एक ट्यूब टॉवर से कनेक्ट होगी. एक्सप्लोडर से एक्सपर्ट के बटन दबाते ही टॉवर के एक कॉलम में शॉर्ट होगा. इसी शॉर्ट से टॉवर में फैली वायरिंग-डेटोनेटर के जरिये हर कॉलम में विस्फोट होगा. बटन दबते ही दोनों टॉवर 12 सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे. टॉवर से हवा की विपरीत दिशा में शॉर्ट एक्सप्लोडर बनाया जाएगा.

दो चरणों में होगा ब्लास्ट
-ट्विन टॉवर में 915 फ्लैट और 21 दुकानें हैं। टॉवर में दो बेसमेंट हैं.
-दोनों टॉवर के 20 फ्लोर पर प्राइमरी ब्लास्ट किया जाएगा.
– इसमें एपेक्स टॉवर के बेसमेंट, पहला फ्लोर, 2,6,10,14,18,22,26 और 32 वां फ्लोर शामिल हैं.
-दोनों टॉवर में आठ फ्लोर ऐसे हैं जिसमें सेकंड्री ब्लास्ट किया जाएगा. इसमें दोनों टॉवरों के 4,8,12,16,20,24,28 और 30 फ्लोर हैं.

ऐसे बदलती गई टॉवर को ढहाने की तरीख
-31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2021 तक टॉवर को ढहाने का निर्देश दिया.
-इसके बाद 22 मई 2022 नई तारीख तय की गई20 फरवरी को एडिफिस और जेट डिमोलिशन ने साइट को अपने कब्जे में लिया.
-10 अप्रैल 2022 को ब्लास्ट ट्रायल किया गया. 21 अगस्त को नई डेट दी गई. विस्फोटक के लिए एनओसी और सीबीआरआई ने क्लियरेंस नहीं दी-अब 28 अगस्त को फाइनल ब्लास्ट होगा.

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