फिर चर्चा में आया ‘कच्छा-बनियान’ गैंग, जानें दिल्ली पुलिस ने कैसे किया था भंडाफोड़

दिल्ली. ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स पर ‘दिल्ली क्राइम’ का सीजन-2 प्रसारित होने के साथ दिल्ली का कुख्यात ‘कच्छा बनियान’ एक बार फिर सुर्खियों में है. यह सीजन दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार की किताब पर आधारित है. ‘कच्छा बनियान’ गिरोह के आतंक के दौरान वह दक्षिण दिल्ली में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) पद पर तैनात थे. उन्होंने बताया है कि ‘कच्छा-बनिया’ गिरोह का भंडाफोड़ करने में तीन महीने का समय लगा था.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1990 के दशक में ‘कच्छा बनियान गिरोह’ के नाम से कुख्यात कच्छा बनियान पहनने वाले चोरों के गिरोह खास तौर से रात के वक्त घरों में धावा बोलते थे. ये गिरोह राजधानी के आलीशान घरों को अपना निशाना बनाने के साथ उसमें रहने वाले लोगों की हत्या भी कर देते थे.

नीरज कुमार याद करते हुए बताते हैं कि यह 1990 के दशक की शुरुआत थी, जब ‘कच्छा बनियान’ गिरोह का आतंक शुरू हुआ और गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके सदस्यों को पकड़ने के लिये काफी दबाव था.

कुमार ने कहा, ‘राजधानी में 1990 और 1991 के दौरान घरों में डकैती और हत्या की घटनाएं बढ़ गई थी. इसमें अपराधी लोगों के घरों में घुस जाते थे और घरों में रहने वाले प्रत्येक सदस्य की सोते समय हत्या कर देते थे. इसके बाद वे घरों से कीमती सामान लूटकर ले जाते थे.’

पूर्व पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हम लोगों को दोषियों को पकड़ने में तीन महीने का वक्त लग गया. उसके बाद से दिल्ली में इस तरह की घटना नहीं हुई है.’

इसी पर आधारित सीरीज़, ‘दिल्ली क्राइम 2’ का प्रसारण नेटफ्लिक्स पर शुक्रवार को शुरू हुआ. कुमार ने याद करते हुए बताया कि अपराधियों के तौर तरीकों की जांच-पड़ताल की गई, जिससे उनकी गिरफ्तारी में मदद मिली. ‘खाकी फाइल्स’ के लेखक कुमार ने बताया कि गिरोह के सदस्यों का प्राथमिक लक्ष्य लूटपाट करना था.

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