ख्वाज़ा यूनुस हत्याकांड मामला: चार और पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाने संबंधी अर्जी वापस लेने के लिए याचिका

मुंबई. ख्वाज़ा यूनुस की हिरासत में मौत मामले में अभियोजन पक्ष ने चार और पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाने संबंधी पूर्व की अर्जी वापस लेने के लिए बृहस्पतिवार को एक स्थानीय अदालत में याचिका दायर की. इस मामले में बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाज़े और तीन अन्य पूर्व पुलिसकर्मियों के खिलाफ पहले से ही मुकदमा चल रहा है. मुंबई के घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर दो दिसम्बर, 2002 को हुए बम विस्फोट में दो व्यक्तियों की मौत हो गयी थी. उसके बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर ख्वाज़ा यूनुस (27) को महाराष्ट्र के परभणी जिले से उसी माह के अंत में गिरफ्तार किया गया था. यूनुस की मौत पुलिस हिरासत में 2003 में हो गयी थी.

मुकदमे के संचालन के लिए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) प्रदीप घरात ने कहा कि इन अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने या न चलाने का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है.  एसपीपी ने कहा कि सरकार ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 319 के तहत चार अन्य पुलिसकर्मियों को इस मामले में आरोपी बनाने संबंधी पूर्व की अर्जी पर इस चरण में दबाव न बनाने का निर्णय लिया है. साथ ही सरकार ने संबंधित मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के आधार पर नये सिरे से याचिका दायर करने की छूट मांगी है.

हालांकि, यूनुस के परिवार के वकील चेतन माली ने अदालत से आग्रह किया कि वह पूर्व की याचिका वापस लिये जाने संबंधी अभियोजन पक्ष की अर्जी खारिज कर दे. अप्रैल 2018 में तत्कालीन अभियोजक धीरज मिराजकर ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी प्रफुल्ल भोसले और तीन अन्य लोगों के खिलाफ समन जारी किया जाए और उनके खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा चलाया जाए.

अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह मोहम्मद अब्दुल मतीन ने अदालत के समक्ष यह दावा किया था कि उसने भोसले, तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक हेमंत देसाई और दो अन्य पुलिसकर्मियों को पुलिस लॉक-अप में यूनुस पर हमला करते देखा था. इसके बाद उन्हें भी आरोपी बनाने के लिए अर्जी दायर की गयी थी.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker