इंग्‍लैंड की बाथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को हाल ही में मिले 100 लाख साल पुराने प्‍लेसीऑर के अवशेष

दिल्लीः हाल ही में मिले 100 लाख साल पुराने प्‍लेसीऑर के अवशेष।

मोरक्‍को में डायनासोर के जीवाश्‍म मिले (Dinosaur fossils discovered in Morocco) हैं. Loch Ness Monster को झील का राक्षस कहा जाता है. वैज्ञानिकों की मानें तो जीवाश्‍म मिलने के बाद अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि समुद्री राक्षस कोई कल्‍पना नहीं, बल्कि वास्‍तविकता थे. इन राक्षसों को वैज्ञानिकों ने प्लेसीओसॉर (Plesiosaur)नाम भी दिया था. माना जाता है कि सबसे पहले प्लेसीओसॉर के बारे में सन् 1823 में पता लगा था जब खुदाई में उनके अवशेष मिले थे. इन जीवाश्‍म के मिलने के बाद स्‍कॉटलैंड के लॉच नेस मॉनस्‍टर के अस्तित्‍व को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

इंग्‍लैंड की बाथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को हाल ही में 100 लाख साल पुराने प्‍लेसीऑर के अवशेष मिले हैं. बताया जा रहा है कि ये मोरक्‍को के सहारा रेगिस्‍तान में मौजूद रिवर सिस्‍टम में मौजूद थे. इनसे इस बात का इशारा मिलता है कि लंबी गर्दन और नुकीले दांत वाले ये प्राणी पानी में रहते थे और ज्‍यादातर इन्‍हें ताजे पानी में पाया जाता था. प्‍लेसीऑर को हमेशा से एक काल्‍पनिक चरित्र माना गया और इन्‍हें नेसी निकनेम भी दिया गया.

इंग्‍लैंड की बाथ यूनिवर्सिटी डॉक्‍टर निक लॉन्‍गरिच ने इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी है. उन्‍होंने ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ को बताया, ‘हमें वाकई नहीं मालूम कि आखिर प्‍लेसीऑर ताजे पानी में क्‍यों रहते थे. यह थोड़ा विवाद का विषय है, क्‍योंकि हम हमेशा से मानते थे कि ये एक समुद्र में रहने वाला जीव है. लेकिन ये बात भी सही है कि समुद्र के कई जानवरों ने नदी के पानी में भी घुसपैठ की थी.’

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