दिनेश गुणावर्धने बने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री

दिल्लीः श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता को संभालने के लिए धीरे-धीरे सरकार का गठन हो रहा है. रानिल विक्रमसिंघे के नए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अब नए प्रधानमंत्री का भी ऐलान हो चुका है. दिनेश गुणावर्धने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बनाए गए हैं. शुक्रवार को उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली और प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाल लिया. दिनेश गुणावर्धने श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के क्लासमेट रह चुके हैं.

आइए जानते हैं उनके बारे में खास बातें…

1. दिनेश गुणावर्धने का जन्म 2 मार्च 1949 को हुआ था. उन्होंने संसद सदस्य, कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया है. वर्तमान में वह वामपंथी महाजन एकथ पेरामुना (MEP) पार्टी के नेता हैं.

2. दिनेश गुणावर्धने की शुरुआती शिक्षा रॉयल प्राइमरी स्कूल कोलंबो और रॉयल कॉलेज कोलंबो में हुई. स्कूल के बाद उन्होंने नीदरलैंड स्कूल ऑफ बिजनेस (न्येनरोड बिजनेस यूनिवर्सिटी) में आगे की पढ़ाई की. बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा के साथ ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.

3. इसके बाद वह ओरेगन विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई के लिए चले गए. अमेरिका में रहते हुए वह छात्र आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हुए. वियतनाम युद्ध विरोधी विरोध प्रदर्शनों में भी भाग लिया.

4. पढ़ाई पूरी करने के बाद गुणावर्धने ने न्यूयॉर्क में काफी वक्त तक काम किया, लेकिन 1972 में उनके पिता की मौत हो गई. इसलिए उन्हें कोलंबो लौटना पड़ा.

5. उन्हें अगस्त 1973 में महाजन एकथ पेरामुना (MEP) की केंद्रीय समिति में नियुक्त किया गया था. वह 1974 में एमईपी के महासचिव बने.

6. गुणावर्धने 1977 के संसदीय चुनाव में एविसावेला में एमईपी के उम्मीदवार थे, लेकिन निर्वाचित होने में असफल रहे. वह फिर से 1983 के उपचुनाव में महारागामा इलेक्टोरल डिस्ट्रिक्ट में एमईपी के उम्मीदवार थे. इस बार उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की और संसद में प्रवेश किया.

7. गुणावर्धने ने 1989 के संसदीय चुनाव में बहु-सदस्यीय कोलंबो चुनावी जिले में एमईपी के उम्मीदवारों में से एक के रूप में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा. 1994 के संसदीय चुनाव में वह फिर से कोलंबो जिले में एमईपी के उम्मीदवारों में से एक थे, लेकिन एमईपी संसद में कोई भी सीट जीतने में विफल रहा.

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