चीन से जो संकेत मिल रहे हैं वो बताते हैं कि चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा

दिल्लीः

पिछले दो दशकों में चीन के विकास (China Growth) ने पूरी दुनिया को चौंका दिया. सकल घरेलू उत्पाद (China GDP) में साल दर साल दोहरे अंक में वृद्धि किसी भी देश के लिए सपना था, जिसे चीन ने संभव कर दिखाया. लेकिन अब वर्ष 2022 की शुरुआत से ही चीनी अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है. चीनी अर्थव्‍यवस्‍था (Chinese Economy) के बारे में जो खबरें आ रही हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीनी अर्थव्‍यवस्‍था में लगे घाव काफी बड़े हैं और ये और बड़े हो रहे हैं.

चीन से जो संकेत मिल रहे हैं वो बताते हैं कि चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. जून लगातार 10वां महीना है, जब चीन में प्रॉपर्टी की कीमतें गिरी हैं. चीन कोयले की कमी से बुरी तरह जूझ रहा है और इससे देश में बिजली की भारी कमी हो गई है. यही नहीं, देश की बैंकिंग व्‍यवस्‍था भी लड़खड़ाने लगी है. बहुत से छोटे बैंक डिफॉल्‍टर हो गए हैं. चीन की जीडीपी में ग्रोथ भी ठहर गई है.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में गड़बड़ी की शुरुआत पिछले साल हुई थी, जब सरकार ने रियल एस्टेट कंपनियों की कर्ज पर निर्भरता कम करने के लिए तीन नियम बनाए गए, जिन्हें ‘थ्री रेड लाइंस’ के नाम से जाना जाता है. चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रैंड इन नियमों के टेस्ट में फेल हो गई. नतीजा यह हुआ कि एवरग्रैंड को और कर्ज जुटाने में मुश्किल होने लगी. एवरग्रैंड के 1,300 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं, जो चीन के 280 शहरों में फैले हुए हैं. कंपनी की कुल संपत्ति 2 ट्रिलियन युआन है, जो चीन की कुल जीडीपी का 2% है. एवरग्रैंड के ग्राहकों की संख्या इस समय 15 लाख है, जिनका पैसा फंस गया है. करीब 50 शहरों की 100 से ज्यादा परियोजनाओं के ग्राहकों ने भुगतान बंद कर दिया है और अपना पैसा मांग रहे हैं. कंपनी पर 300 अरब डॉलर से ज्यादा की देनदारी है और उसने कई बॉन्ड का भुगतान करने में पहले ही डिफॉल्ट शुरू कर दिया है.

रियल एस्टेट सेक्टर की हिस्सेदारी चीन के जीडीपी में 12% है. इसलिए एवरग्रैंड यदि दिवालिया हुई तो उसका असर पूरे चीन की अर्थव्यवस्था पर होगा. इससे सीमेंट, स्टील, सैनेटरी वेयर और कई दूसरे उद्योगों से मांग कम हो जाएगी. फिलहाल स्थिति यह है कि लगातार 12वें महीने में घरों की बिक्री घटी है, जो 1990 के बाद से निजी प्रॉपर्टी मार्केट में यह सबसे लंबी मंदी है

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