टिहरी डैम में लगातार पानी बढ़ने से आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है
दिल्लीः उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से टिहरी डैम की झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इससे झील से सटे आसपास के गांवों में भूस्खलन और भूधंसान का खतरा बढ़ गया है. झील से सटे ऊठड़, पिपोला, भटकंडा, नंदगांव सहित करीब एक दर्जन गांवों में मकानों में दरारें बढ़ रही हैं, तो कई मकान बल्लियों के सहारे टिके हैं. बारिश की आफत खेतों में भी देखी जा सकती है. खेतों में धसाव के चलते खेती करना जान का जोखिम बन गया है.
टिहरी बांध से सटे गांवों में ग्रामीणों को मकान के गिरने का डर सता रहा है. ग्रामीण रात में बारिश होने पर चौखट पर बैठकर पूरी रात जागकर बिताने को मजबूर है. लंबे समय से टिहरी झील प्रभावित ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक आंशिक डूब क्षेत्र के इन गांवों का न तो विस्थापन हो पाया और न ही इन्हें मुआवजा मिल पाया है. अब एक बार फिर से बरसात ग्रामीणों के लिए आफत बनकर आई है और ग्रामीण फिर से दहशत के साए में जीने को मजबूर है.
टिहरी डैम की झील से प्रभावित इन गांवों में ग्रामीण हर बार बरसात में डर के साए में जीने को मजबूर होते हैं. एक्सपर्ट कमेटी द्वारा झील प्रभावित गांवों का सर्वे भी कराया गया और करीब 17 गांवों के 415 परिवारों का विस्थापन या मुआवजा देना प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक आंशिक डूब प्रभावित इन गांवों की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है. इस मामले में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट का कहना है कि ये मामला पुर्नवास विभाग का है लेकिन बरसात को देखते हुए संवेदनशील परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. टिहरी डैम की झील से प्रभावित ग्रामीण लंबे समय से विस्थापन की बाट जोह रहे हैं लेकिन कार्रवाई अभी तक सिर्फ फाइलों में चल रही है और अब एक बार फिर से बरसात शुरू होने से ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हैं.