सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में खराब हालात!गर्भवती महिलाओं को बरामदे में गुजारनी पड़ी रात

दिल्लीः

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर वैसे तो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात बेहद खराब हैं. पहाड़ी जिलों की बात हो या राजधानी देहरादून की, सब जगह एक जैसे ही हालात नजर आते हैं. देहरादून का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज (Doon Medical College Hospital Dehradun) में व्यवस्था चरमराई हुई है. महिला अस्पताल की बात करें तो यहां सुविधाओं के अभाव की खबरें अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं. गर्भवती महिलाओं को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.महिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में बेड न होने के चलते गर्भवती महिलाओं को वॉर्डों के बाहर बरामदे में रात गुजारनी पड़ी.

देहरादून के महिला अस्पताल में लेबर रूम, एएनसी, पीएनसी, सर्जिकल, पोस्ट सर्जिकल औरओटी में करीब 60 से 70 बेड हैं. भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ने पर ऐसी स्थिति देखने को मिलती है. मसूरी निवासी विनीता ने बताया कि वह पिछले 4-5 दिनों पहले यहां आई थीं लेकिन उन्हें अब तक बेड नहीं मिल पाया. उन्होंने यह भी कहा कि यहां का स्टाफ लापरवाही से काम करता है. सरकारी अस्पताल में महिलाओं के लिए सुविधाएं होनी चाहिए.

इलाज के लिए आई मोनी ने कहा कि हमने बाहर ही रात काटी है. वह पिछले 2-3 दिन से यहां आई हुई हैं लेकिन अब तक कोई बेड नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बाहर बरामदे में बिना पंखे के उन्हें लेटना पड़ा. अस्पताल में बेड और कर्मचारियों की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है.

अस्पताल प्रशासन ने दी ये सफाई
वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दून अस्पताल में देहरादून ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों के भी लोग अपना इलाज करवाने आते हैं. ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और भर्ती करने पर कुछ दिक्कतें सामने आती हैं. दून अस्पताल प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि मरीजों को सभी सुविधाएं मिल सकें.

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