6 महीने में सिटी बस सर्विस हांफने लगी है. हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा
दिल्लीः इसी साल जनवरी से ग्रेटर नोएडा में सिटी बस (City Bus) सेवा शुरू हुई थी. लेकिन 6 महीने में सिटी बस सर्विस हांफने लगी है. हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) ने यूपी रोडवेज (UP Roadways) के साथ मिलकर सिटी बस सर्विस शुरू की है. 10 बसों के साथ सिटी बस सर्विस शुरू की गई थी. ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के सभी सेक्टर, गांव और ग्रेनो वेस्ट को भी सिटी बस के 5 रूट में रखा गया है. बावजूद इसके बस सर्विस घाटे में जा रहे है.
फ्लैट बॉयर्स एसोसिएशन का आरोप है कि 6 महीने पहले ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपी रोडवेज ने 10 बसों और 5 रूट के साथ सिटी बस सर्विस शुरू की थी. लेकिन अफसोस की बात यह है कि आज भी बसों और रूट की संख्या वही है. उसमे कोई बदलाव नहीं किया गया है. 6 महीने में न तो बसों की संख्या बढ़ी और न ही रूट 5 से 6 या 7 हुए. हालांकि उस वक्त अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि बसों की संख्या और रूट को बढ़ाया जाएगा. लेकिन अभी तक न तो बसें 10 से 11 हुईं और न ही रूट 5 से 6 हुए.
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ नरेन्द्र भूषण और यूपी रोडवेज के एमडी नवदीप के बीच एक बैठक हुई थी. बैठक में यह बात तेजी से उठी थी कि सिटी बस से उतनी इनकम नहीं हो पाती है जितना खर्च होता है. इस पर अथॉरिटी के सीईओ ने कहा था कि लागत और इनकम के बीच जो भी अंतर आएगा उसकी भरपाई ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी करेगी. हालांकि इस बैठक में दिल्ली-गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ को ग्रेटर नोएडा ईस्ट-वेस्ट और गांवों से जोड़ने के लिए उन शहरों से आने वाली बसों को अस्थाई बस स्टॉप तक लाने की बात भी हुई थी. अस्थाई बस स्टॉप टेकजोन 4 में बनाने की बात हुई थी. अस्थाई बस स्टॉप पर शौचालय, पानी, कुर्सी, टीनशेड जैसी सुविधाओं का इंतजाम करने की बात भी हुई थी.