सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटकर पर मध्य प्रदेश के बड़वानी में दर्ज की गई एफआईआर

दिल्लीः मशहूर सोशल एक्टिविस्ट और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और 11 अन्य के खिलाफ दान में मिली रकम के दुरुपयोग के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में एक ग्रामीण की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया है. मेधा पाटकर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में उन पर जनजातीय छात्रों की शैक्षिक सुविधाओं के प्रबंधन के लिए जुटाए गई रकम का राजनीतिक और राष्ट्र विरोधी एजेंडा के लिए दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. उधर, मेधा पाटकर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने दावा किया कि उनके पास खर्चों का पूरा लेखा-जोखा, ऑडिट है और इन आरोपों के पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं.

बड़वानी के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि निजी शिकायत के आधार पर पाटकर एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. फरियादी ने कुछ दस्तावेज भी उपलब्ध करवाए हैं. इसमें काफी साल पुराने मामले का उल्लेख है, इसलिए मामले में विवेचना की जाएगी. शुक्ला ने बताया कि यह मामला जिस संबंध में दर्ज किया गया है, वह महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश दो राज्यों से जुड़ा हुआ है. इसमें दोनों ही पक्षों को पूरा मौका देते हुए मामले में दस्तावेज और तथ्यों का परीक्षण किया जाएगा. उसी के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी.

टेमला बुजुर्ग गांव के रहने वाले प्रीतमराज बड़ोले की शिकायत पर शनिवार को बड़वानी पुलिस थाने में यह प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी के अनुसार, बड़ोले ने आरोप लगाया है कि मुंबई में पंजीकृत ट्रस्ट नर्मदा नवनिर्माण अभियान (एनएनए) ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में नर्मदा घाटी के जनजातीय छात्रों के लिए आवासीय शैक्षिक सुविधाओं के संचालन के नाम पर जुटाए गए पैसे का दुरुपयोग किया. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि एनएनए ट्रस्ट को पिछले 14 वर्षों में विभिन्न स्रोतों से 13.50 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इन निधियों का उपयोग ‘राजनीतिक और राष्ट्र विरोधी एजेंडे’ के लिए किया गया था, जिसकी जांच करने की जरूरत है.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker