पूर्वानुमान के बाद भी नहीं हो रही है बारिश जाने कारण

दिल्लीः

मॉनसून ने 30 जून को ही दिल्ली में दस्तक दे दी थी, लेकिन तब से राष्ट्रीय राजधानीवासी हर रोज बारिश का इंतजार कर रहे हैं और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) सटीक पूर्वानुमान व्यक्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों ने स्वीकार किया कि सटीक स्थानीय पूर्वानुमान देना एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन केंद्रीय मौसम पूर्वानुमान एजेंसी बार-बार गलत नहीं हो सकती है.

दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने पिछले 10 दिनों में सिर्फ 2.6 मिमी बारिश दर्ज की है. एक जून से मॉनसून शुरू होने के बाद से 126.7 मिमी के सामान्य के मुकाबले 144.3 मिमी बारिश हुई है. इसमें से 117.2 मिमी बारिश महज 24 घंटे में एक जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे तक हुई. तीस जून-एक जुलाई को मौसम की पहली भारी बारिश के बाद, आईएमडी ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया और शहर में मध्यम बारिश की चेतावनी दी. अगले छह दिनों में हल्की बारिश के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया था. हालांकि, अगले तीन दिनों (एक से तीन जुलाई) में सिर्फ दो मिमी बारिश हुई. वहीं मौसम कार्यालय ने चार जुलाई को पांच जुलाई के लिए ‘येलो अलर्ट’ और छह जुलाई के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया, जिसे बाद में सात जुलाई के लिए कर दिया गया.

विशेषज्ञों ने ओडिशा के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के विकास के कारण ‘मॉनसून ट्रफ’ के मध्य भारत की ओर बढ़ने को दिल्ली में शुष्क मौसम के लिये जिम्मेदार ठहराया, जो बाद में गुजरात की तरफ चला गया. ‘मॉनसून ट्र्रफ’ एक लंबा कम दबाव वाला क्षेत्र होता है. स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा— ‘कम दबाव के क्षेत्र ने ट्रफ को मध्य भारत की ओर बढ़ा दिया, जिससे वहां भारी बारिश हुई’

आईएमडी ने बाद में नौ जुलाई और 10 जुलाई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया था और रविवार को राजधानी में मध्यम बारिश की चेतावनी के साथ येलो अलर्ट जारी किया था, लेकिन तब भी वर्षा नहीं हुई.

उन्होंने कहा, ‘यह उम्मीद की जा रही थी कि कम दबाव का क्षेत्र क्षीण होने के बाद ‘मॉनसून ट्रफ’ का पश्चिमी छोर फिर से उत्तर की ओर बढ़ जाएगा. हालांकि, पिछले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिण पाकिस्तान के आसपास के हिस्सों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने से ‘मॉनसून ट्रफ’ दिल्ली और आसपास के इलाकों की तरफ नहीं बढ़ा. यह अभी भी दिल्ली के दक्षिण में अटका हुआ है और बीकानेर और कोटा से होकर गुजर रहा है.’

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker