कांवड़ यात्रा में एक हफ्ता शेष होने पर तैयारियां ज़ोरों पर हैं

दिल्लीः आगामी 14 जुलाई से उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा शुरू होने के साथ ही करीब दो हफ्ते यानी 26 जुलाई तक करोड़ों श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि तय तारीख के बाद भी कांवड़िए आते रहते हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार करीब 4 करोड़ कांवड़ियों के पहुंचने की उम्मीद जताते हुए खास अपील की. उन्होंने सभी कांवड़ियों से एक पौधा ज़रूर लगाने की अपील करते हुए यात्रा बंदोबस्त पुख्ता करने का दावा किया. धामी खास बैठक करने जा रहे हैं. वहीं, इस बार कांवड़ यात्रियों पर महंगाई की मार तय है.

कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की पोशाक से लेकर सजी हुई कांवड़ खास आकर्षण और महत्व की होती है. पोशाक से लेकर कांवड़ यात्रा में इस्तेमाल होने वाले डंडे, कांवड़, गंगाजली, गमछे आदि का बड़ा बाज़ार हरिद्वार और ज्वालापुर में है. ऋषिकेश व गंगोत्री में छोटे बाज़ार हैं. लेकिन हरिद्वार के व्यापारियों की मानें तो इस बार कच्चा माल महंगाई के चलते चूंकि ज़्यादा दामों पर मिला है इसलिए बढ़ी हुई कीमतों का बोझ कांवड़ियों की जेब पर ही आएगा क्योंकि स्थानीय व्यापारी तो खुद को मजबूर ही कह रहे हैं.

कांवड़ के लिए बांस, टोकरी, छींका, कपड़ा या साज सज्जा का सामान, सब कुछ महंगा हो चुका है. एक खबर के मुताबिक तकरीबन 30 फीसदी तो सब कुछ महंगा मिलने ही वाला है, वहीं कांवड़ के रेट तो दो गुने तक भी हो गए हैं. जो कांवड़ एक साल पहले तक 200 रुपये से 5000 की रेंज में मिला करती थी, वह अब 300 से 9000 तक की रेंज में मिलने वाली है. इधर, महंगाई तो नहीं लेकिन व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर हैं.

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