लखनऊ: बिजली चोरी रोकने के नाम पर उपभोक्‍ताओं से वसूली कर रही फर्जी टीम

दिल्लीः लखनऊ के नाका क्षेत्र में उस वक्‍त हड़कंप मच गया जब बिजली विभाग की असली और नकली टीम आमने-सामने आ गई। असली अधिकारियों-कर्मचारियों को क्षेत्र में आया देख फर्जी अधिकारी-कर्मचारी वहां से भाग खड़े हुए। 

मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ की नाका कोतवाली क्षेत्र बासमंडी में शुक्रवार को बिजली चोरी रोकने के नाम पर फर्जी जेई और दो लाइनमैन पहुंचकर उपभोक्ताओं से वसूली करने लगे। खुद को प्रवर्तन दल की टीम का सदस्य बताने वाले ये लोग बिजली अफसरों की तरह बर्ताव कर रहे थे। बाकायदा हाथ में डायरी लिए थे। दो दस्ताने भी हाथ में पकड़े थे। इनकी करतूत का पता चलते ही लेसा प्रवर्तन दल की असली टीम पहुंच गई तो ये सब भाग खड़े हुए। प्रवर्तन दल ने एक फर्जी लाइनमैन को पकड़ लिया। नाका कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। फर्जी लाइनमैन के पास डायरी मिली, जिसमें उपभोक्ताओं के मीटर संख्या के साथ रीडिंग भी लिखी थी।

लेसा प्रवर्तनदल के सहायक अभियंता श्रीनिवासराम, अवर अभियंता जीटीआई केदार नाथ शुक्ल को कर्मचारी मो. इनाम ने बताया था कि कुछ लोग फर्जी इंजीनियर और लाइनमैन बनकर वसूली करते हैं। इस पर ही यह टीम निगरानी कर रही थी। शुक्रवार जैसे ही बांसमंडी के रामबाग में चेकिंग अभियान का पता चला तो ये लोग वहां पहुंच गये। वहां तीन लोग बिजली कर्मचारी बनकर चेकिंग कर रहे थे। इन लोगों ने कुछ उपभोक्ताओं से वसूली भी कर ली थी। असली इंजीनियर और कर्मचारियों की टीम पहुंची तो आरोपियों को पहले ही भनक लग गई। टीम पहुंचने ही वाली थी कि दो आरोपी भाग निकले, लेकिन सतरिख, बाराबंकी निवासी हिमांशु सोनी मौके पर ही पकड़ा गया।

हिमांशु से कोतवाली में पूछताछ की गई तो उसने पुलिस को बताया कि उनका सरगना इरफान सिद्दीकी है। उसकी टीम में कुल 15 लोग है। ये एक दिन में तीन-चार जगह चेकिंग अभियान चलाकर वसूली करते हैं। फिर शाम को बंटवारा होता है। नाका पुलिस हिमांशु से मिली जानकारी के आधार पर पड़ताल कर रही है।

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