उदयपुर: गरीब टेलर को नुपूर शर्मा के समर्थन करने पर उतारा मौत के घात

दिल्लीः राजस्थान के उदयपुर में गरीब टेलर कन्हैयालाल का सिर तन से जुदा कर दिया गया। नूपुर शर्मा के समर्थन में कथित पोस्ट को लेकर कट्टरपंथियों ने उसे मंगलवार को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन कट्टरपंथियों के टारगेट पर सिर्फ कन्हैयालाल नहीं था, बल्कि दो और लोगों को धमकी दी गई है। इसमें से एक का जिक्र आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी ने अपने 17 जून को बनाए गए वीडियो में किया है। कन्हैयालाल की मौत के बाद अब इनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। बड़ा सवाल यह भी उठता है कि कन्हैया की सुरक्षा में कोताही कर चुकी पुलिस बाकी दो लोगों को सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी?

दरअसल, नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट को लेकर कुछ लोगों ने 10 जून को धानमंडी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कन्हैयालाल के अलावा 2 और लोगों का नाम था। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 151 के तहत तीनों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, सभी को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद से ही तीनों को धमकियां मिलने लगी थीं।

तीनों ने थाने में दी थी शिकायत, मांगी थी सुरक्षा
धमकियां मिलने के बाद कन्हैया की तरह दो अन्य लोगों ने भी पुलिस थाने में जाकर शिकायत की थी और सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन पुलिस ने तीनों को सुरक्षा देने की बजाय दोनों समुदाय के कुछ लोगों को बुलाकर समझौता करा दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी करने की बजाय लोगों को शांति और भाईचारे के साथ रहने की सलाह दी गई। 

सूत्रों के मुताबिक, आरोपी लगातार तीनों की रेकी में जुटे थे। खतरे को देखते हुए कन्हैयालाल ने अपनी दुकान 6 दिनों तक बंद रखी। लेकिन रोजी-रोटी के लिए कपड़ा सिलाई करने वाले कन्हैया ने मंगलवार को हिम्मत दिखाते हुए दुकान खोली। रेकी कर रहे आरोपियों ने कन्हैया को दुकान में देखकर कपड़ा सिलवाने के बहाने उसे मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि आरोपी बाकी दो लोगों की भी तलाश में थे। 17 जून के वीडियो में रियाज ने दूसरे कट्टरपंथियों से इस काम को पूरा करने की अपील की थी। ऐसे में रियाज और गौस की गिरफ्तारी के बाद भी बाकी दो लोगों पर खतरा बरकरार है।

अभी यह साफ नहीं है कि पुलिस ने कन्हैया के साथ गिरफ्तार किए गए बाकी दो लोगों को सुरक्षा मुहैया करा दी है या नहीं। ‘हिन्दुस्तान’ ने एसपी मनोज कुमार और डिप्टी एसपी जितेंद्र आंचलिया से संपर्क साधने की कोशिश की है, लेकिन कानून-व्यवस्था को संभालने में जुटे अधिकारियों से बात नहीं हो पाई है। उनसे संपर्क होते ही हम उनकी प्रतिक्रिया को शामिल करेंगे।

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