इन तरीको से कम हो सकता है हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम
दिल्लीः कोरोना के बाद से लोगों में में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति जागरूकता बढ़ी है। हालांकि कई बार लोगों को यह पता नहीं होता कि थोड़ी सी समझदारी से हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बचत की जा सकती है। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का लाभ लेकर मेडिकल बिल बचाते हुए भी आप इसमें और फायदा ले सकते हैं। आइए मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस के श्रीकांत कंडिकोंडा चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर से जानते हैं कैसे…
शुभस्य शीघ्रम: हेल्थ इंश्योरेंस जितनी कम उम्र में लिया जाए उतना ही अधिक फायदेमंद है। क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, प्रीमियम भी उसी अनुपात में बढ़ता जाता है। जल्द इंश्योरेंस लेने से प्रीमियम की राशि बचाने में मदद मिल सकती है।
फिट रहें और रिवार्ड पाएं: कई हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसियों और फिटनेस एप के संयोजन में निर्धारित मापदंड पूरा करने पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की छूट मिलती है। उदाहरण के लिए, एक दिन में पूर्व निर्धारित कदमों की संख्या पूरी कर लेने पर आप अपने बेस प्रीमियम पर 30% तक छूट पा सकते हैं।
प्लान स्विच-ऑफ की सुविधा: हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले पता कर लें कि क्या उस प्लान में “स्विच ऑफ” जैसा फीचर है? यह फीचर होने से आप पॉलिसी के पहले वर्ष के बाद विदेश यात्रा के दौरान अपने हेल्थ इंश्योरेंस को स्विच ऑफ कर सकते हैं और रिन्युअल के समय प्रीमियम पर छूट पा सकते हैं।
गारंटीशुदा संचयी बोनस: ऐसा प्लान लें जो एक ही प्रीमियम के बदले में गारंटीकृत संचयी बोनस प्रदान करता है। बाजार में कुछ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान प्रति पॉलिसी वर्ष 25% का गारंटीकृत संचयी बोनस प्रदान करते हैं।
सुपर टॉप अप प्लान चुनें: पहले से हेल्थ इंश्योरेंस होने के बाद अधिक कवरेज के लिए दूसरी पॉलिसी खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, सुपर टॉप-अप प्लान चुन सकते हैं, जो प्रीमियम बचाने के साथ अतिरिक्त कवरेज प्रदान करेगा।
लॉयल्टी छूट: यदि आप प्लान को रिन्यू करते रहते हैं, तो चौथे पॉलिसी वर्ष के बाद से बीमाकर्ता द्वारा बीमाधारक के जीवनकाल तक हर साल लागू प्रीमियम पर लॉयल्टी छूट मिलेगी। यदि आप दो या दो से अधिक परिवार के सदस्यों के लिए कवरेज लेते हैं, तो आपको प्रीमियम पर 15% परिवार छूट मिलेगी।
अनावश्यक राइडर न लें: आप किसी सलाहकार के जरिए या ऑनलाइन जाकर अपनी हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरतों का कैल्कुलेशन कर सकते हैं। इससे आपको अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान पता चल जाएंगे। किसी के बहकावे में आकर ऐसी पॉलिसी या प्लान न लें, जिसमें अनावश्यक राइडर शामिल होते हैं और जिससे आप पर वित्तीय भार बढ़ जाता है।