इस साल बदला नजर आएगा प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैंम विम्बलडन , जाने क्या है बदलाव

दिल्ली: हरे-भरे कोर्ट, स्ट्रॉबेरी-क्रीम, सफेद कपड़े… यह विम्बलडन की अलग पहचान है, लेकिन, 27 जून से होने वाले ग्रास-कोर्ट ग्रैंड स्लैम में कुछ बदलाव भी हैं। दुनिया के इस सबसे पुराने और प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट में इस बार कुछ परंपराएं टूटती नजर आएंगी।

रविवार को भी मैच खेले जाएंगे, जबकि सेंटर कोर्ट व कोर्ट नंबर-1 पर खिलाड़ी प्रैक्टिस भी कर सकेंगे। इसके अलावा इस ग्रैंड स्लैम के सबसे सफल खिलाड़ी रोजर फेडरर अपने करिअर में पहली बार विम्बलडन में नहीं खेलेंगे। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण ऑल इंग्लैंड टेनिस क्लब ने रूस-बेलारूस के खिलाड़ियों के खेलने पर बैन लगाया है। इस कारण ATP और WTA ने टूर्नामेंट से रैंकिंग पॉइंट छीन लिए।

पहली बार विम्बलडन में मध्य रविवार को ब्रेक नहीं होगा। सभी 14 दिन मुकाबले खेले जाएंगे। इससे पहले तक, विम्बलडन शुरू होने के पहले हफ्ते और दूसरे हफ्ते के बीच में आने वाले रविवार को आमतौर पर मैच नहीं होते थे। मैच तभी खेले जाते थे जब मौसम खराब होने के कारण पहले कुछ मैच नहीं हो सके हों। टूर्नामेंट के 145 साल के इतिहास में सिर्फ चार मौकों पर ऐसा हुआ, जब मिडिल संडे को मैच हुए। ऐसा करने से ब्रॉडकास्टर्स और आयोजकों को ज्यादा कमाई की उम्मीद है।

शीर्ष खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित सेंटर कोर्ट और मुख्य शो कोर्ट (कोर्ट-1) पर प्रैक्टिस करने की अनुमति होगी। इससे पहले, वे इस ग्रास कोर्ट पर तभी जा पाते थे, जब चैंपियनशिप के दौरान उनका मैच होता था। ब्रिटेन के नंबर-1 खिलाड़ी कैमरुन नोरी ने कहा कि इससे खिलाड़ियों को फायदा होगा।

रूस-बेलारूस के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध के कारण नंबर-1 मेदवेदेव, रुबलेव और सबालेंका, अजारेंका नहीं खेलेंगी। नंबर-2 ज्वेरेव एड़ी की चोट से उबर रहे हैं, इसलिए उन्होंने नाम वापस ले लिया। स्विट्जरलैंड के फेडरर घुटने की सर्जरी के बाद रिहैब कर रहे हैं। ओसाका पैर की चोट के कारण हट गई हैं।

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