रिकॉर्ड 47वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा मुंबई

दिल्ली: घरेलू क्रिकेट की दिग्गज टीम मुंबई ने शनिवार को  उत्तर प्रदेश के खिलाफ अपने सेमीफाइनल मैच के अंतिम दिन पहली पारी की बढ़त के आधार पर रणजी ट्रॉफी फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की औपचारिकता पूरी की। जस्ट क्रिकेट अकादमी मैदान पर 41 बार की चैंपियन टीम ने इस मुकाबले की पहली गेंद से अपना दबदबा कायम करते हुए उत्तर प्रदेश को कोई मौका नहीं दिया। यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। मुंबई की टीम रिकॉर्ड 47वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है। 22 जून को होने वाले रणजी ट्रॉफी के फाइनल में मुंबई का सामना मध्य प्रदेश से होगा, जिसने पहले सेमीफाइनल में बंगाल को 174 रन से हराया। 

मुंबई ने 46 बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है और 41 बार वह खिताब जीतने में कामयाब हुआ है। मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में सभी विकेट खोकर 393 रन बनाए थे। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश की टीम अपनी पहली पारी में 180 रन पर ही सिमट गई। पहली पारी के आधार पर मुंबई ने 213 रन की बढ़त बना ली। दूसरी पारी में मुंबई ने यशस्वी और अरमान के शतकों की बदौलत 4 विकेट पर 533 रन बनाकर पारी घोषित की। हालांकि उत्तर प्रदेश की टीम दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरी और मैच ड्रॉ होने के बावजूद पहली पारी में ज्यादा रन बनाने के कारण मुंबई को विजेता घोषित किया गया। 

इससे पहले मध्य प्रदेश ने  बंगाल को रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में पांचवें और अंतिम दिन शनिवार को 174 रन के बड़े अंतर से हराकर फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया। मध्य प्रदेश ने बंगाल के सामने  जीतने के लिए 350 रन का मुश्किल लक्ष्य रखा था  जिसका पीछा करते हुए बंगाल ने चौथे दिन अपने चार विकेट 96 रन पर खो दिए थे और आज उसकी पारी 175 रन पर सिमट गयी। क्वार्टरफाइनल में बल्लेबाजी में ऐतिहासिक प्रदर्शन करने वाली बंगाल की टीम के बल्लेबाज सेमीफाइनल में कार्तिकेय और गौरव के सामने घुटने तक गए। कार्तिकेय और गौरव के अलावा सारांश जैन ने 69 रन पर दो विकेट लिए। 

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