लखनऊ में अब हवा को साफ रखना लोगों के लिए हुआ ज़रूरी

दिल्लीः उत्तर प्रदेश की राजधानी में अब हवा को साफ रखना लोगों के लिए जरूरी होगा। जो भी हवा को खराब स्थिती की ओर ले जाएंगे उनसे टैक्स वसूला जाएगा। लखनऊ वासियों को अब वायु प्रदूषण फैलाने पर टैक्स देना होगा। नगर निगम ने शहर में हवा खराब करने वालों पर नया टैक्स लगाने का फैसला लिया है। इसके जरिए नगर निगम अपना खाली खजाना भरेगा। इन नए टैक्स के लिए दरें अभी तय की जाएंगी। सोमवार को महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में हुई नगर निगम सदन की बैठक में इसकी मंजूरी मिल गयी। अगले दो महीने के भीतर नए टैक्स लागू कर दिए जाएंगे।

वायु प्रदूषण करने वाली संस्थानों, इकाइयों और अन्य पर भी शुल्क लगेगा। इसके लिए दरें जल्द तय होंगी। ईट भट्टों और वायु प्रदूषण करने वाली औद्योगिक इकाईयों से शुल्क वसूला जाएगा। डीजल से चलने वाले जनरेटर मशीनों पर शुल्क लिया जाएगा। निर्माण इकाईयों पर वायु प्रदूषण के लिए शुल्क देना होगा। कामर्शियल वाहनों पर वायु प्रदूषण शुल्क लागू होगा। इसके अलावा निर्माण सामाग्री बालू, मौरंग, व सीमेन्ट व्यावसायी, प्लास्टिंग उत्पादन इकाईयों आटो टेम्पो व ई रिक्शा से संचालन शुल्क और नगर निगम की 20 पार्किंग में वाहनों से शुल्क लिया जाएगा।

नगर निगम सदन की बजट बैठक काफी हंगामेदार रही। बजट पर चर्चा होने की बजाय पार्षद अपने वार्डों व शहर की समस्याओं को लेकर सदन में जूझते दिखाई दिए। क्योंकि उन्हें इसी वर्ष फिर से चुनाव में जाना है। उधर नगर निगम अफसरों की तरफ खाली खजाने को भरने के लिए नए टैक्स का प्रस्ताव रखा गया। नए टैक्स लगाने का पार्षदों ने कोई विरोध नहीं किया। नए टैक्स की वसूली दो से तीन महीने के भीतर शुरू हो जाएगी। इसके लिए नियमावली जल्दी बनेगी।

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